भारत की 5 दिव्य गुफाएं जहां भक्त नवरात्रि में मां दुर्गा के अद्भुत रूपों के करते हैं दर्शन

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हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व अत्यंत धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस नौ दिवसीय उत्सव के दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। नवरात्रि में हर मंदिर और गली-मोहल्लों में माता रानी के जयकारों की गूंज सुनाई देती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारत में कुछ पवित्र गुफाएं ऐसी हैं, जहां नवरात्रि के समय मां दुर्गा प्रकट होती हैं या अपनी दिव्य ऊर्जा से भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। ये गुफाएं शक्ति पीठों से जुड़ी हैं और लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। आइए जानते हैं भारत की ऐसी 5 प्रमुख गुफाओं के बारे में, जहां नवरात्रि में मां दुर्गा के दर्शन होते हैं।

1. वैष्णो देवी गुफा – जम्मू और कश्मीर

त्रिकुटा पर्वत की ऊँचाइयों में स्थित यह गुफा माता वैष्णो देवी का अत्यंत पवित्र धाम है। यहां मां की तीन पिंडियां – महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती – विराजमान हैं। मान्यता है कि नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर माता भक्तों को दर्शन देकर आशीर्वाद प्रदान करती हैं। गर्भगृह (मुख्य गुफा) तक पहुँचने के लिए श्रद्धालु लगभग 12 किलोमीटर की तीर्थयात्रा करते हैं, जो पैदल यात्रा के लिए चुनौतीपूर्ण लेकिन आध्यात्मिक अनुभव से भरपूर होती है। यात्रा के दौरान भक्तों को रास्ते में अनेक मंदिर, धाम और प्राकृतिक झरने देखने को मिलते हैं। माता के दर्शन के पश्चात भक्तों का अनुभव इतना दिव्य होता है कि लोग इसे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव मानते हैं। वैष्णो देवी गुफा सिर्फ नवरात्रि में ही नहीं, बल्कि पूरे साल श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।

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2. कामाख्या गुफा मंदिर – असम, गुवाहाटी

नीलाचल पर्वत पर स्थित यह गुप्त गुफा शक्ति और तांत्रिक रूपों का अद्भुत केंद्र है। यहां मां कामाख्या की पूजा उनके योनि रूप में की जाती है, मूर्ति के रूप में नहीं। अम्बुबाची मेला (जून) के अलावा नवरात्रि के दौरान भी भक्त यहां आते हैं। मान्यता है कि गुफा में देवी कामाख्या की दिव्य ऊर्जा न केवल महिलाओं के जीवन में बल देती है बल्कि पुरुषों और बच्चों को भी सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करती है। गुफा के भीतर की गहराई और रहस्यमय वातावरण श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रूप से जोड़ता है। यहां आने वाले भक्तों का अनुभव अक्सर इतना दिव्य होता है कि लोग इसे जीवन की उच्चतम आध्यात्मिक यात्रा मानते हैं।

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3. हरसिद्धि माता गुफा मंदिर – गुजरात, पोरबंदर के पास

द्वारका से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गुफा मां हरसिद्धि को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने यहीं मां की पूजा की थी। नवरात्रि में श्रद्धालु यहां माता के अद्भुत रूपों के दर्शन के लिए आते हैं। गुफा में मौजूद ऊर्जा इतनी प्रबल मानी जाती है कि भक्तों का मन और आत्मा दोनों ही शुद्ध हो जाते हैं। यहां का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है, और नवरात्रि के समय विशेष पूजन, भजन और आरती के आयोजन होते हैं। यात्रा के दौरान आसपास की प्राकृतिक सुंदरता, हरियाली और समुद्र के नज़ारे भी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

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4. अंबाजी गुफा – गुजरात-राजस्थान सीमा

51 शक्ति पीठों में शामिल अंबाजी मंदिर की यह गुफा अत्यंत पवित्र मानी जाती है। यहां माता की पूजा यंत्र रूप में की जाती है और कोई मूर्ति नहीं रखी गई है। नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया की रंगीन रौनक के बीच लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि इस गुफा में माता की उपस्थिति महसूस होती है और यहां होने वाले भक्ति कार्य जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाते हैं। गुफा के भीतर का वातावरण इतना दिव्य और शांत है कि भक्त यहां घंटों बैठकर ध्यान, भजन और आरती करते हैं। इसके अतिरिक्त, आसपास की पहाड़ियाँ और प्राकृतिक झरने यात्रियों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव से जोड़ते हैं।

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5. ज्वाला देवी गुफा – हिमाचल प्रदेश, कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में स्थित यह गुफा अपनी प्राकृतिक अग्नि ज्वालाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां मूर्ति के बजाय पृथ्वी की गहराइयों से निकलती ज्वालाओं की पूजा होती है। 51 शक्तिपीठों में से एक के रूप में यह गुफा श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है। नवरात्रि में यहां आने वाले भक्त देवी की ऊर्जा का अनुभव करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। गुफा के चारों ओर हरियाली, पहाड़ों की छाँव और ठंडी हवा यात्रियों के अनुभव को और अधिक आध्यात्मिक बनाती है। मान्यता है कि ज्वाला देवी की कृपा से जीवन में संकट दूर होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।



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