CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में बारिश की रफ्तार धीमी, कई जिलों के लिए आज यलो अलर्ट जारी, जानिए पूरी रिपोर्ट

0


हाइलाइट्स 

  • बारिश की रफ्तार में गिरावट

  • 7 जिलों में यलो अलर्ट जारी

  • मानसून की वापसी में देरी

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मानसून की रफ्तार अब थमती नजर आ रही है। बीते 24 घंटे में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जबकि कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि आज से बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आएगी, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी बादल गरजने, बिजली गिरने और तेज हवाओं के साथ बारिश की आशंका बनी हुई है। इन इलाकों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बारिश की रफ्तार होगी धीमी

मौसम विभाग के अनुसार, रविवार से प्रदेश में बारिश की तीव्रता कम हो जाएगी। हालांकि, छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आज भी मेघगर्जन, बिजली गिरने और तेज हवा चलने की संभावना बनी हुई है। नारायणपुर, उत्तर बस्तर कांकेर, बालोद, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा, जशपुर, सुरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जैसे जिलों में अगले तीन घंटों के दौरान मौसम बिगड़ सकता है। इन इलाकों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में बारिश की रफ्तार धीमी, कई जिलों के लिए आज यलो अलर्ट जारी, जानिए पूरी रिपोर्ट
CG Weather Update

राजधानी रायपुर में कैसा रहेगा मौसम?

रायपुर में रविवार को आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की चेतावनी दी है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। राजधानीवासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, खासकर जब बिजली गिरने की संभावना हो।

कहां-कितनी हुई बारिश

प्रदेश के बारसूर में सबसे ज्यादा 7 सेमी बारिश दर्ज की गई। वहीं बिहारपुर में 6 सेमी, कुसमी, छुरा, कशडोल, बोदारी और दौरा कोचली में 5 सेमी, पचपेड़ी और सोनहत में 4 सेमी, जबकि पेंड्रा, अहिवारा, भखारा, मस्तूरी, कुनकुरी, चांदो, भटगांव और बैकुण्ठपुर में 3 सेमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। अधिकांश अन्य जगहों पर 3 सेमी से भी कम बारिश दर्ज हुई। दुर्ग में अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

CG Weather UpdateCG Weather Update

धमतरी और गरियाबंद में बाढ़

बारिश के कारण कुछ घटनाएं भी सामने आई हैं जो मानवता और संवेदनशीलता की मिसाल बन गईं। धमतरी जिले के जोरातराई गांव में 65 वर्षीय पुजारी महानदी पार करते समय टापू पर फंस गए। करीब आठ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं, गरियाबंद जिले के देवझर अमली गांव की एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने खाट पर बांधकर नदी पार कराई और सुरक्षित देवभोग अस्पताल पहुंचाया। इन घटनाओं ने बताया कि कठिन हालात में भी इंसानियत सबसे पहले होती है।

7 जिलों में यलो अलर्ट

राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर में मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। यहां बिजली गिरने, आंधी चलने और बारिश की संभावना है। इन जिलों के निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। घरों में ही रहने और बिजली के खंभों, पेड़ों या धातु से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।

15 अक्टूबर के बाद मानसून की वापसी संभव

मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि छत्तीसगढ़ से मानसून की वापसी सामान्यतः 5 अक्टूबर के आसपास सरगुजा की दिशा से होती है। लेकिन इस बार मानसून के लौटने में देरी हो सकती है। अनुमान है कि इस साल प्रदेश से मानसून 15 अक्टूबर के बाद ही विदा लेगा, यानी सामान्य से लगभग 10 दिन बाद।

कहां हुई सामान्य से ज्यादा और कहां कम बारिश?

प्रदेश में 30 सितंबर तक औसतन 1167.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 1520.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 52% अधिक है। वहीं, बेमेतरा जिले में अब तक सिर्फ 524.5 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। बस्तर, राजनांदगांव और रायगढ़ जैसे जिलों में बारिश सामान्य के करीब रही है।

ये भी पढ़ें:  छत्तीसगढ़ में बनी पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग: रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर को देगी रफ्तार, रिकॉर्ड समय में हुआ निर्माण

जानिए क्यों गिरती है बिजली और कैसे बचें?

बिजली गिरने की प्रक्रिया विज्ञान से जुड़ी है। जब बादलों में मौजूद बर्फ के कण और पानी की बूंदें हवा के साथ टकराते हैं, तो उनमें इलेक्ट्रिक चार्ज उत्पन्न होता है। ये चार्ज पॉजिटिव और नेगेटिव रूप में अलग-अलग बादलों में जमा हो जाता है। जब विपरीत चार्ज वाले बादल टकराते हैं, तो बिजली उत्पन्न होती है।

यह बिजली कभी-कभी इतनी तीव्र होती है कि जमीन तक पहुंच जाती है। पेड़, बिजली के खंभे, धातु की वस्तुएं और पानी अच्छे कंडक्टर होते हैं, इसलिए इनके पास रहने वाले लोग चपेट में आ सकते हैं। इससे बचने के लिए मौसम खराब होते ही सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें:  CG News: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने भूपेश बघेल को दी बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए सीनियर ऑब्जर्वर

Leave A Reply

Your email address will not be published.