Bhopal Illegal Liquor shop: भोपाल में सोम ग्रुप की अवैध शराब दुकान पर NHRC की तीखी टिप्पणी, आबकारी विभाग को जमकर लताड़ा
हाइलाइट्स
- भोपाल में अवैध शराब दुकान पर NHRC की तीखी टिप्पणी।
- NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो ने आबकारी विभाग को लताड़ा।
- रहवासी सालों से कर रहे हैं विरोध, अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
Bhopal Som Group Arera Colony illegal liquor shop case: राजधानी भोपाल में भोपाल की पॉश अरेरा कॉलोनी में सोम ग्रुप की अवैध शराब दुकान को लेकर विवाद गहरा गया है। रहवासी क्षेत्र में चल रही अवैध शराब दुकान की 7 महीने से शिकायतें की जा रही थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब इस मामले को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने गंभीरता से लिया है और सोशल मीडिया पर सख्त टिप्पणी करते हुए कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
जानें क्या है अवैध शराब दुकान का मामला
शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी ने बताया कि जिस स्थान पर शराब की दुकान खोली गई है, वह नगर निगम भोपाल से अनुमति प्राप्त आवासीय उपयोग के लिए भूखंड है। दुकान के ठीक बगल में एक बच्चों का अस्पताल है, जहां महिलाएं और बच्चे नियमित रूप से आते-जाते हैं। इसके अलावा, दुकान से मात्र 50 मीटर की दूरी पर आर्य समाज का मंदिर भी स्थित है, जहां बुजुर्गों की मौजूदगी में नियमित धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।
विवेक त्रिपाठी का कहना है कि दुकान की लोकेशन अत्यंत संवेदनशील है, फिर भी प्रशासन लगातार की जा रही शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है। रहवासी कई वर्षों से इस अव्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

प्रशासन ने अब तक नहीं की ठोस कार्रवाई
स्थिति यह है कि भोपाल की पॉश अरेरा कॉलोनी में सुबह से ही शराब पीने वालों की भीड़ जुटने लगती है। इसका सीधा असर स्कूल जाती छात्राओं और कॉलोनी की महिलाओं पर पड़ रहा है, जो अक्सर छेड़छाड़ और असुविधा का शिकार होती हैं। हालांकि सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते कई लोग खुलकर शिकायत नहीं कर पाते, लेकिन इसके बावजूद कॉलोनी के रहवासी लगातार इस गंभीर विषय पर अपनी आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं। दुख की बात है कि इतने विरोध के बाद भी जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

आयोग के निर्देश पर गंभीर नहीं प्रशासन
शिकायतों के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन आबकारी विभाग और प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की। उन्होंने आयोग को भ्रामक और अधूरी रिपोर्ट सौंपी, जिस पर सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कड़ी आपत्ति जताई और प्रशासन को फटकार लगाई।

कानूनगो ने सोशल मीडिया पर की टिप्पणी
आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा कि… महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुओं में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने व हिंदुओं के अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी तथा जातिभेद के बगैर सभी हिंदुओं के वैदिक संस्कार आयोजित किए जाने हेतु देश भर में आर्य समाज मंदिरों की स्थापना की थी।
भोपाल में अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में आर्य समाज मंदिर के समीप एक शराब दुकान संचालित किए जाने की शिकायत पर मैंने जांच हेतु नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में सरकारी बाबुओं ने पूरी बेशर्मी के साथ लिखा है कि उनके नियम के अनुसार आर्य समाज मंदिर को मंदिर नहीं माना जा सकता है इसलिए शराब दुकान यथावत रहेगी। कदाचित यह सरकारी बाबू ही वो पतित हिंदू हैं जो हिंदुओं की दुर्दशा के लिए उत्तरदायी हैं। हिंदुओं को अब आर्य समाज मंदिर को सरकारी मान्यता दिलवाने के लिए कार्य करना होगा।
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शराब दुकान के सामने करेंगे धरना प्रदर्शन
शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश में वैदिक घड़ी को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं आबकारी विभाग आर्य समाज मंदिर को मंदिर मानने से इनकार कर रहा है। अवैध शराब दुकान को बचाने के लिए हिंदू धार्मिक पहचान पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि सरकार स्पष्ट करें क्या बिना रजिस्ट्रेशन मंदिर अवैध माने जाएंगे? रहवासियों में गहरा रोष है और वे जल्द ही शराब दुकान के सामने धरना देंगे।
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