Supreme Court on Stray Dogs: आवारा कुत्तों पर SC सख्त, ‘सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को कोर्ट में पेश हो’, कहा-हमारे आदेश का सम्मान नहीं, हम निपटेंगे

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हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव तलब किए
  • आवारा कुत्तों पर लापरवाही से नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट
  • 3 नवंबर को पेश होंगे राज्यों के मुख्य सचिव

Supreme Court on Stray Dogs:  सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बढ़ते आवारा कुत्तों (Stray Dogs) के हमलों और रेबीज (Rabies) से होने वाली मौतों पर शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों (Chief Secretaries) को 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने साफ कहा कि जब बार-बार हलफनामा मांगा गया, तो किसी ने भी जवाब नहीं दिया। इसलिए अब सभी को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त संदेश: “आदेश का सम्मान नहीं, तो आने दीजिए”

सुनवाई के दौरान जस्टिस नाथ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा “जब हम मुख्य सचिवों से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हैं, तो वे चुप्पी साध लेते हैं। हमारे आदेश का कोई सम्मान नहीं है। ठीक है, उन्हें आने दीजिए — हम उनसे निपट लेंगे।” बेंच ने राज्यों द्वारा दायर उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें मुख्य सचिवों को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की मांग की गई थी।

इससे पहले 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी थी।

सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों का केस कैसे पहुंचा?

देश में आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज के मामले लगातार सामने आ रहे थे। इन मामलों का जिक्र मीडिया रिपोर्ट्स में भी दिखाया जा रहा था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 जुलाई 2025 संज्ञान में लेते हुए सुनवाई करने का फैसला किया। कोर्ट का कहना था कि देशभर में कुत्तों के हमले गंभीर समस्या बन चुके हैं, और राज्य सरकारें इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रही हैं।

आवारा कुत्तों से जुड़े केस की टाइमलाइन

28 जुलाई 2025: सुप्रीम कोर्ट ने देश में रेबीज से मौतों की बढ़ती घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लिया।

11 अगस्त 2025: कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की बेंच ने आदेश दिया कि सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली–NCR से हटाकर शेल्टर होम में भेजा जाए।

13 अगस्त 2025: फैसले का विरोध बढ़ा, जिसके बाद चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने मामले की समीक्षा के लिए 3 जजों की स्पेशल बेंच बनाई।

14 अगस्त 2025: नई बेंच — जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया — ने फैसले पर सुनवाई पूरी की और आदेश सुरक्षित रखा।

22 अगस्त 2025: कोर्ट ने बड़ा संशोधन करते हुए कहा — “जिन कुत्तों को पकड़ा जाए, उनकी नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उसी जगह छोड़ा जाए, लेकिन रेबीज से संक्रमित और आक्रामक कुत्ते शेल्टर होम में ही रहेंगे।”

क्या है सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि राज्य सरकारें अभी तक Animal Birth Control Rules 2023 को सही ढ़ंग से लागू नहीं कर पाई हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस लापरवाही के चलते देशभर में डॉग बाइट्स और रेबीज के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने अब सबी राज्यों के मुख्य सचिवों को3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है, जिससे उनसे सीधा जवाब मांगा जा सके।

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