LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा निर्णय, धान कुटाई पर राइस मिलों को 1% रिकवरी छूट

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अन्नदाता किसानों और राइस मिलर्स के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर राइस मिलों को 1% रिकवरी छूट देने की घोषणा की है। इस निर्णय से न केवल किसानों और मिलर्स को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि रोजगार और निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे।

धान कुटाई पर राहत पैकेज: क्या है नई व्यवस्था?

राज्य सरकार ने नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई के दौरान होने वाले नुकसान को देखते हुए रिकवरी प्रतिशत में अतिरिक्त 1% छूट देने का निर्णय लिया है। फिलहाल सरकार पहले से 3% रिकवरी छूट दे रही थी, जिससे अब कुल छूट बढ़कर और प्रभावी हो जाएगी।

  •  इससे राइस मिलों पर आर्थिक भार कम होगा
  • खरीद प्रक्रिया और तेजी से पूरी हो सकेगी
  •  किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ेगी

किसानों और मिलर्स के लिए बड़ा लाभ

इस निर्णय का सीधा फायदा अन्नदाता किसानों और राइस मिलर्स दोनों को मिलेगा।

लाभार्थी अपेक्षित लाभ

सरकार देगी 167 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति

  • राइस मिलों को राहत देने के लिए सरकार ने प्रतिपूर्ति का प्रावधान भी किया है।
  • 167 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति मिलेगी
  • राज्य सरकार पहले से 100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष प्रतिपूर्ति करती आई है
  • इससे मिलर्स का वित्तीय बोझ कम होगा और उद्योग चक्र मजबूत होगा

रोजगार और निवेश को नई ताकत

  • योगी सरकार के इस कदम से प्रदेश में रोजगार व आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
  • लगभग 2 लाख रोजगार अवसर होंगे सुदृढ़
  • राइस मिलिंग इंडस्ट्री में नए निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी

अब PDS के लिए बाहर से नहीं मंगानी पड़ेगी चावल रैक| इन सुधारों और बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता के बाद उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की जरूरतों के लिए अब दूसरे राज्यों से चावल मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे राज्य की स्वावलंबन क्षमता बढ़ेगी और परिवहन व्यय में बड़ी बचत होगी।

कैसे बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा?

  • 1% रिकवरी छूट से मिलर्स के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी क्योंकि:
  • मिलिंग लागत कम होगी
  • बेहतर क्वालिटी प्रोसेसिंग की प्रेरणा मिलेगी

खरीद और आपूर्ति प्रक्रिया तेज होगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया गया यह निर्णय किसानों, राइस मिलर्स और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह कदम कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करेगा, उत्पादन क्षमता बढ़ाएगा, रोजगार को मजबूत करेगा और खाद्यान्न आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य को और आगे बढ़ाएगा।

यह पहल दर्शाती है कि सरकार किसानों और औद्योगिक इकाइयों दोनों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे “समृद्ध किसान, मजबूत प्रदेश” की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।

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