सुप्रीम कोर्ट से हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर को बड़ी राहत: पुरानी बस्ती थाने के 4 मामलों में गिरफ्तारी पर रोक, अन्य केसों में कार्रवाई जारी

0


Rohit Tomar Case: रायपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी कानूनी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में दर्ज चार मामलों में उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। ये चारों एफआईआर जून और जुलाई 2025 के दौरान दर्ज की गई थीं, जिनमें रोहित तोमर पर पीड़ितों को डराने-धमकाने और अधिक ब्याज वसूलने के आरोप लगे थे।

रोहित तोमर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता हिमांशु शर्मा ने बताया कि चारों मामलों में अग्रिम जमानत के लिए याचिकाएं दाखिल की गई थीं। कोर्ट के सामने यह तर्क रखा गया कि ये सभी मामले आपसी कारोबारी और वित्तीय लेन-देन से जुड़े हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि ब्याज पर दिया गया पैसा वैध साहूकारी लाइसेंस के तहत था, न कि अवैध सूदखोरी के रूप में। इन दलीलों पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 19 दिसंबर को चारों मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश दिया।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में दो छात्राओं ने किया सुसाइड: रायगढ़ में बी-टेक की स्टूडेंट और बस्तर में 12वीं की छात्रा ने फांसी लगाई, सुसाइड नोट भी छोड़ा

राहत सीमित, अन्य मामलों में खतरा बरकरार

हालांकि यह राहत रोहित तोमर के लिए पूरी तरह सुरक्षित कवच नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश सिर्फ उन चार मामलों तक सीमित है, जिनमें अग्रिम जमानत की मांग की गई थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रोहित तोमर पर दर्ज अन्य आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी और जांच की कार्रवाई जारी रहेगी।

भाई गिरफ्तार, लेकिन रोहित अब भी फरार

इससे पहले 9 नवंबर को रायपुर पुलिस ने रोहित के साथ फरार चल रहे उसके भाई वीरेंद्र तोमर को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर रायपुर जेल भेजा था। पुलिस को उम्मीद थी कि पूछताछ में रोहित के ठिकाने का पता चल सकेगा, लेकिन वीरेंद्र ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी।

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि रोहित तोमर लगातार अपने ठिकाने बदल रहा है और उसे कुछ स्थानीय सहयोगियों का समर्थन मिल रहा है, जो उसे छिपने और बचने में मदद कर रहे हैं।

तोमर बंधुओं पर 16 से ज्यादा आपराधिक मामले

पिछले पांच महीनों में तोमर बंधुओं के खिलाफ आठ नए आपराधिक मामले सामने आए हैं। मारपीट, धमकी, ब्लैकमेलिंग, अवैध वसूली और सूदखोरी जैसे गंभीर आरोपों में दोनों भाइयों पर कुल मिलाकर 16 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि इन मामलों के चलते इलाके में वर्षों से भय का माहौल बना हुआ था।

पीड़ितों के चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस जांच और पीड़ितों के बयानों में ब्याज वसूली के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। नरेश सचदेवा ने बताया कि 2.5 लाख रुपये लेने के बदले उससे करीब 20 लाख रुपये वसूले गए। गोपाल कुमार ने 2 लाख रुपये के बदले 28 लाख रुपये चुकाने की बात कही। हरीश कछवाहा से 3.5 लाख के बदले लगभग 50 लाख रुपये वसूले गए। वहीं जयदीप बनर्जी ने आरोप लगाया कि 16 लाख रुपये लेने पर उससे 52 लाख रुपये तक वसूली की गई।

पुलिस की रणनीति और बढ़ी निगरानी

रायपुर पुलिस ने रोहित तोमर से जुड़े सभी पुराने मामलों की दोबारा जांच शुरू कर दी है। वित्तीय लेन-देन की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल और नेटवर्क की साइबर जांच भी तेज कर दी गई है। साथ ही रोहित के सहयोगियों और सपोर्ट नेटवर्क पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

रायपुर पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि यदि फरार रोहित तोमर के बारे में किसी भी तरह की जानकारी मिले तो तुरंत नजदीकी थाने या क्राइम ब्रांच को सूचित करें। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और सही सूचना पर 5,000 रुपये का इनाम भी दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: बाइक पर बीच में बिठाकर दुर्ग से रायपुर तक लाए थे युवती की लाश: रायपुर न्यू राजेन्द्र नगर मर्डर मिस्ट्री सुलझी, इस हत्या ने खोले कई राज

Leave A Reply

Your email address will not be published.