Cheque Bounce New Rule : चेक से लेनदेन करने वाले हो जाएं सावधान, चेक बाउंस से जुड़े नियमों में सरकार ने कर दिया बड़ा बदलाव
Digital Desk- (Cheque Bounce) चेक बाउंस के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने नियमों को सख्त कर दिया है. अब चेक बाउंस होने पर दोगुना जुर्माना लग सकता है, साथ ही बैंक अकाउंट फ्रीज होने और जेल तक जाने का खतरा भी बढ़ गया है. जो लोग भुगतान के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब अधिक सावधान रहना होगा.
क्या है चेक बाउंस?
जब आप किसी को चेक देते हैं और आपके खाते में उतनी राशि नहीं होती, तो वह चेक बाउंस हो जाता है. यह सिर्फ एक वित्तीय समस्या नहीं है, बल्कि अब यह एक कानूनी अपराध भी माना जाता है. चेक बाउंस होने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जुर्माना या कारावास भी शामिल है.
नए नियमों के तहत क्या-क्या सख्ती?
सरकार ने चेक बाउंस को गंभीरता से लेते हुए नए नियम लागू किए हैं. अब चेक बाउंस होने पर दोगुनी पेनल्टी (penalty) लगेगी. उदाहरण के लिए, ₹50,000 के बाउंस हुए चेक पर ₹1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है. बार-बार ऐसा होने पर बैंक खाता (bank account) फ्रीज हो सकता है, जिससे लेन-देन रुक जाएगा. बैंक ₹100 से ₹750 तक का अतिरिक्त जुर्माना भी वसूल सकते हैं.
हो सकती है जेल भी-
नए कानून के तहत एनआई एक्ट (NI Act) की धारा 138 के तहत चेक बाउंस (cheque bounce) होने पर आरोपी को 2 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
डिजिटल ट्रैकिंग और तेजी से निपटारा-
सरकार ने डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम (digital tracking system) भी लागू किया है ताकि ऐसे मामलों को तेज़ी से निपटाया जा सके. अब इन मामलों की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स में की जा रही है, जिससे फैसले जल्दी लिए जा सकें.
क्यों जरूरी था ये बदलाव?
हाल के वर्षों में चेक बाउंस के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे लेनदेन की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है और व्यवसायों व आम नागरिकों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है. इन समस्याओं को देखते हुए, सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने और वित्तीय प्रणाली में विश्वास बहाल करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. (cheque bounce rules)