Noida Water Plants Factory Raid: ग्रेटर नोएडा में नकली ‘बिसलेरी’ पानी का भंडाफोड़, दो फैक्ट्रियों से 13 हजार से ज्यादा बोतलें जब्त
हाइलाइट्स
- ग्रेटर नोएडा में नकली बिसलेरी का भंडाफोड़
- दो फैक्ट्रियों से 13 हजार से ज्यादा बोतलें जब्त
- बिलसेरी-ब्लेसरी के नाम पर बेचा जा रहा था पानी
Noida Water Plants Factory Raid: अगर आप ब्रांडेड बोतलबंद पानी पर आंख बंद कर भरोसा करते हैं, तो यह खबर आपके लिए चेतावनी है। ग्रेटर नोएडा के कासना इंडस्ट्रियल एरिया में नकली ‘बिसलेरी’ जैसे दिखने वाले बोतलबंद पानी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने बिना लाइसेंस के चल रही दो फैक्ट्रियों पर छापा मारकर 13 हजार से ज्यादा नकली पानी की बोतलें जब्त की हैं।
बिसलेरी के नाम पर बेचा जा रहा नकली पानी
जांच में सामने आया कि इन फैक्ट्रियों में प्रसिद्ध ब्रांड ‘बिसलेरी’ की नकल करते हुए ‘Bilseri’ और ‘Bleseri’ नाम से बोतलें तैयार की जा रही थीं। इन नकली ब्रांड्स के नाम इस तरह रखे गए थे कि आम उपभोक्ता भ्रमित हो जाए और असली समझकर खरीद ले।
हजारों बोतलें बरामद
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त सर्वेश कुमार ने बताया कि पहली फैक्ट्री से 6252 बोतलें जब्त की गईं। दूसरी फैक्ट्री से 6856 बोतलें मिलीं। दोनों फैक्ट्रियों में न कोई वैध लाइसेंस था, न BIS प्रमाणन और न ही स्वच्छता के मानकों का पालन किया जा रहा था।
बिना गुणवत्ता जांच के भर रहे थे पानी
छापेमारी के दौरान यह भी पाया गया कि दोनों जगह पानी की गुणवत्ता की जांच या फिल्टरिंग की कोई सुविधा नहीं थी। न ही कर्मचारियों के लिए स्वच्छ वातावरण था, जिससे साफ हो गया कि यह सारा काम अवैध और अस्वास्थ्यकर तरीके से किया जा रहा था।
दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई
नकली पानी की ये बोतलें दिल्ली-एनसीआर के बाजारों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और चाय-नाश्ते की दुकानों पर बेची जा रही थीं। अधिकारी ने बताया कि अधिकतर लोग बोतल का रंग और डिजाइन देखकर खरीदारी करते हैं, जिससे नकली और असली के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाता है।
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
इन नकली बोतलों में भरा पानी न केवल अमानक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी बन सकता है। इसे पीने से पेट की बीमारियां, उल्टी-दस्त, संक्रमण, और गंभीर मामलों में किडनी और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है।
अधिकारियों ने किया स्टॉक सीज
सभी जब्त बोतलों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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