सिरसा | हरियाणा के सिरसा में किसान नई तकनीक की सहायता से कपास की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी पैदावार मिल रही है. इसके साथ- साथ उनकी कमाई भी अच्छी खासी हो जाती है. अगर आप भी कपास की खेती करने वाले किसान हैं, तो आप भी कुछ तरीकों को अपनाकर खूब मुनाफा कमा सकते हैं.
स्टडी से मिली बड़ी जानकारी
दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (SABC) द्वारा एक स्टडी में यह पाया गया कि ड्रिप सिंचाई, फर्टिगेशन और एकीकृत कीट प्रबंधन जैसी तकनीकों के इस्तेमाल से कपास का प्रोडक्शन बढ़ाया जा सकता है. SABC द्वारा सिरसा के गिदड़ा गांव में उत्तर भारत उच्च तकनीक अनुसंधान एवं विकास स्टेशन पर खरीफ 2024 सीजन के दौरान लेटेस्ट तकनीक पुनर्योजी कपास की प्रदर्शनी लगाई गई थी. इसमें यह प्रमाण दिए गए कि बढ़िया तकनीक के इस्तेमाल से कपास का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है.
ड्रिप सिंचाई से मिल सकती है बड़ी राहत
यदि किसान ड्रिप सिंचाई फर्टिगेशन सिस्टम को अपनाते हैं तो वह पारंपरिक कपास की खेती की तुलना में सिंचाई के पानी में 60% तक की बचत कर सकते हैं. इसी क्रम में केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान सिरसा के रिटायर्ड हेड डॉ. दिलीप मोंगा और SABC के वैज्ञानिक डॉ. दीपक जाखड़ भी किसानों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
होंगे ये फ़ायदे
दरअसल इस तकनीक के माध्यम से 70% तक पानी की बचत होती है. फसलों की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है. पानी सीधा फसल की जड़ तक पहुंचता है और खरपतवार में भी कमी आती है. यही कारण है कि SABC द्वारा कपास की खेती में पानी और पोषक तत्व दक्षता में सुधार के लिए ड्रिप फर्टिगेशन को अपनाने पर जोर दिया गया है. उन्होंने मेटिंग डिसरप्शन टेक्नोलॉजी, पीबीनॉट और फेरोमोन ट्रैप सहित एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है.
पैदावार में होगी बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि यदि इस तकनीक के साथ-साथ जल भंडारण टैंक और सौर ऊर्जा चालित सिंचाई प्रणालियों को अपनाया जाए तो यह स्थाई जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक से न केवल पैदावार में बढ़ोतरी होगी बल्कि कपास एक बार फिर से टिकाऊ और लाभदायक फसल बन सकती है. एक समय था जब कपास को ‘सफेद सोना’ माना जाता था और यह भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती थी. लेकिन अब यह फसल संकट के दौर से गुजर रही है.
प्रदर्शनी से जगी उम्मीद
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों के किसान आज विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं जिससे कपास की उपज और गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिली है. इन सबके बावजूद हरियाणा के सिरसा जिले में पुनर्योजी कपास की खेती की अनोखी प्रदर्शनी से एक आशाजनक रास्ता दिखाई दिया है.