CG FIR Against WRD Engineer: जशपुर जल संसाधन विभाग में करोड़ों की गड़बड़ी, EE विजय जामनिक पर FIR दर्ज

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CG FIR Against WRD Engineer: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में जल संसाधन विभाग से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जिले की बहुप्रतीक्षित सुसडेगा व्यपवर्तन योजना (मांड नदी बैराज) में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता को लेकर तत्कालीन एग्जक्यूटिव इंजीनियर (EE) विजय जामनिक के खिलाफ सिटी कोतवाली में FIR दर्ज (CG FIR Against WRD Engineer) की गई है। यह मामला न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ा है, बल्कि इसमें सरकारी नियमों और अनुबंध की शर्तों की सीधी अवहेलना भी उजागर हुई है।

कार्य अधूरा, फिर भी लौटाई 2.93 करोड़ की सिक्योरिटी डिपोजिट

विवाद की जड़ 26 करोड़ की इस सुसडेगा योजना में ठेकेदार को समय से पूर्व दी गई अतिरिक्त निष्पादन सुरक्षा निधि (APS) है। आरोप है कि तत्कालीन EE विजय जामनिक ने निर्माण कार्य पूर्ण हुए बिना ही ठेकेदार को 2 करोड़ 93 लाख रुपये की TDR राशि दो किस्तों में लौटा दी। जबकि योजना का कार्य अभी मात्र 60% ही पूर्ण हुआ है। नियमों के अनुसार APS की राशि कार्य की संपूर्णता और गुणवत्ता सत्यापन के बाद ही लौटाई जा सकती है। लेकिन यहां यह प्रक्रिया पूरी तरह दरकिनार कर दी गई।

वर्तमान EE की जांच में खुला राज

मामले की तह तक जाने का श्रेय वर्तमान एग्जक्यूटिव इंजीनियर (EE) विनोद भगत को जाता है, जिन्होंने संदेह के आधार पर दस्तावेजों की जांच कर तीन सदस्यीय समिति की मदद से घोटाले का भंडाफोड़ किया। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दी, जिसके बाद भारतीय न्याय संहिता (IPC) की धारा 409 और 420 के तहत विजय जामनिक पर केस दर्ज हुआ।

सिर्फ कार्य ही नहीं, नियम भी तोड़े गए

बताया जा रहा है कि सुसडेगा योजना की कुल स्वीकृत लागत 26.12 करोड़ है, जिसे 21.25% कम दर पर नागपुर की मेसर्स खलतकर कंस्ट्रक्शन को ठेका मिला था। ऐसी स्थिति में ठेकेदार को APS के रूप में 2.93 करोड़ जमा करने थे, जो कार्य समाप्ति के बाद ही लौटाए जाने थे। लेकिन, विजय जामनिक ने बिना किसी तकनीकी स्वीकृति, क्वालिटी वेरिफिकेशन या कार्य की पूर्णता के यह राशि दो TDR (1.46 करोड़ x 2) के रूप में वापस कर दी। इससे शासन को न केवल तत्काल वित्तीय क्षति हुई, बल्कि आगे ठेकेदार के कार्य छोड़ने की स्थिति में APS जब्ती का विकल्प भी समाप्त हो गया।

सरकारी आदेशों की अनदेखी, दोहरा नुकसान

छत्तीसगढ़ शासन के स्पष्ट आदेशों के अनुसार APS की वापसी कार्य पूर्णता से पहले नहीं हो सकती, और अधूरा कार्य छोड़ने पर वह राशि जब्त की जाती है। लेकिन इस मामले (CG FIR Against WRD Engineer) में न सिर्फ कार्य अधूरा है, बल्कि राशि जब्त करने का अधिकार भी गंवा दिया गया है। इससे शासन को दोहरा नुकसान हुआ- कार्य भी रुका और सुरक्षा राशि भी चली गई।

उच्च न्यायालय से लिया स्टे

गौरतलब है कि विजय जामनिक की पोस्टिंग हाल ही में बिलासपुर संभाग में की गई थी, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है। अब छत्तीसगढ़ सरकार इस स्टे के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील कर रही है। इस बीच, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और संभावना है कि आगे और अधिकारियों या ठेकेदारों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है।

क्या बोले अधिकारी?

वर्तमान EE विनोद भगत ने कहा, “नियमों की अवहेलना कर ठेकेदार को समय पूर्व 2.93 करोड़ रुपये लौटाए गए, जिससे शासन को गंभीर वित्तीय नुकसान हुआ है। FIR उच्च अधिकारियों के निर्देश पर दर्ज कराई गई है।”

वहीं, एएसपी अनिल सोनी ने बताया, “FIR के बाद मामले की विवेचना शुरू हो चुकी है। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है, आगे की कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर की जाएगी।

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क्या है सुसडेगा व्यपवर्तन योजना?

सुसडेगा व्यपवर्तन योजना मांड नदी पर बनाई जा रही है, जिसकी लागत 26 करोड़ रुपये से ज्यादा है। योजना के तहत 789.10 वर्ग किमी जलग्रहण क्षेत्र और 120.20 मीटर लंबे बराज का निर्माण होगा। बराज में 8 स्पीलवे और 4 अंडर स्लूस हैं। योजना से लगभग 3500 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगी, जिससे 6 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे। बांयी तट मुख्य नहर की लंबाई 27.335 किमी और दांयी तट मुख्य नहर की लंबाई 24.439 किमी होगी।

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