MP Promotion Rules: मध्यप्रदेश सरकार ने जारी किए प्रमोशन के नए नियम, हर DPC में होगा आरक्षित वर्ग का अफसर
हाइलाइट्स
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मध्यप्रदेश में 9 साल बाद शुरू होंगे प्रमोशन
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सरकार ने जारी किए नियम
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MP सरकार ने जारी किया गजट नोटिफिकेशन
MP Promotion Rules: मध्यप्रदेश में 9 साल के लंबे इंतजार के बाद अब प्रमोशन होंगे। MP कैबिनेट के फैसले के बाद सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने प्रमोशन से जुड़े नियम जारी कर दिए हैं। वहीं नियमों को लेकर प्रदेश के कर्मचारी संघ और तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने विरोध जताया है। कर्मचारी संघ का कहना है कि वो नियमों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
प्रमोशन के लिए गजट नोटिफिकेशन

MP में प्रमोशन के नियम
सीधी भर्ती के पदों में SC-ST को आरक्षण
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रमोशन के नियमों में रिजर्व कैटेगरी को प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता और योग्यता को महत्व दिया है। सीधी भर्ती के पदों में SC-ST वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों को 16 से 20 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। सरकार प्रमोशन में भी इन्हें इसी आधार पर आगे बढ़ने का मौका देने के लिए प्रतिबद्ध है। गजट नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही सरकार के प्रमोशन के नियम प्रभावी हो गए हैं।
विभागीय प्रमोशन कमेटी बनेगी
सरकार की ओर से प्रमोशन से भरे जाने वाले हर कैडर के पद अलग से तय होंगे। इसके लिए विभागीय प्रमोशन कमेटी फैसला लेगी। कमेटी के अध्यक्ष विभाग के सचिव और विभाग के अध्यक्ष सचिव होंगे। कमेटी में उपसचिव या उससे ऊंचे पद का GAD का एक ऑफिसर भी शामिल होगा।
कमेटी में शामिल होगा एक सेकंड क्लास अधिकारी
अगर कमेटी में तीनों सदस्यों में से कोई एक सदस्य SC वर्ग का नहीं हुआ तो SC वर्ग का एक सेकंड क्लास अधिकारी भी कमेटी में शामिल किया जाएगा। पहले 3 मेंबर में से कोई सदस्य ST वर्ग का नहीं होने पर सेकंड क्लास कैटेगरी का ST वर्ग का एक अधिकारी भी कमेटी में शामिल किया जाएगा। अगर विभागीय कमेटी किसी मामले में अलग फैसला लेती है तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। इसमें विभाग के सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव शामिल होंगे।
2028 तक के लिए कमेटी
GAD के नियमों में कहा गया है कि कमेटी साल 2024 से 2028 तक की विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) के लिए लागू मानी जाएगी। 5 साल के बाद इस कमेटी को फिर से नए सिरे से बदला जा सकेगा।
कर्मचारी संघ का विरोध, कोर्ट जाएंगे

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि वे नए नियमों से सहमत नहीं हैं। जो पुराने नियम कोर्ट ने निरस्त किए थे। ये नए नियम भी बिल्कुल वैसे ही हैं। हम इसका विरोध करेंगे और कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
‘प्रमोशन में आरक्षण नहीं होना चाहिए’

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है कि जो 2002 में था, वही रिपीट हो रहा है। भर्ती में आरक्षण दे दिया जाए लेकिन पदोन्नति में आरक्षण नहीं होना चाहिए। जिस तरह से अभी 20% और 16% को पहले भरा जाएगा, इससे फिर से विवाद की स्थिति बन रही है। इसे लेकर कर्मचारियों में असंतोष पनप रहा है।
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