कृषि को विज्ञान और व्यापार के नजरिए से देखने की जरूरत, सामूहिक प्रयास से बड़ा बदलाव संभव: शिल्पी नेहा तिर्की

Ranchi: झारखंड में एग्रो वैल्यू चेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पशुपालन निदेशालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता विभाग और ग्रांट थार्नटन भारत एलएलपी ने संयुक्त रूप से इस कार्यशाला को आयोजित किया. कार्यशाला में प्रगतिशील किसान और FPO से जुड़े किसानों ने भाग लिया. एक दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मौके पर कहा कि कृषि को विज्ञान और व्यापार के नजरिए से देखने की जरूरत है. जब तक नजरिया नहीं बदलेगी तब तक कृषि में बदलाव संभव नहीं है. आज लोग कृषि विभाग में कुछ हलचल होने की बात खुद से स्वीकार कर रहे हैं. अब लोगों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी मिल रही है. राज्य के लोगों को कृषि विभाग से काफी अपेक्षा है. उन्होंने कहा कि इससे पहले FPO की चर्चा नहीं होती थी. आज FPO से 3 हजार से 14 हजार तक महिला और पुरुष जुड़े हुए हैं. सामूहिक प्रयास से बहुत कुछ किया जा सकता है. कृषि के क्षेत्र में जो उत्पादन हो रहा है, उसे बाजार से कैसे जोड़ें, इस पर काम हो रहा है. व्यवस्था में हमेशा सुधार होते रहना चाहिए. इसके साथ ही नीतिगत रूप से भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है. लाह की खेती में झारखंड सबसे आगे है पर लाह उत्पादन से जुड़े किसानों को कैसे सही मूल्य मिले, ये सुनिश्चित करना होगा. इस मौके पर हजारीबाग के बड़कागांव के FPO को 6 लाख 59 हजार का ग्रांट दिया गया. कार्यशाला में विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीख, कृषि निदेशक ताराचंद, रिशु रवि, प्रो वी पदमानंद और अन्य भी मौजूद थे.