Shaniwar ke Upay: सावन के पहले शनिवार पर करें ये 5 उपाय, मिलेगी शनि और शिव की एक साथ कृपा

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Shaniwar ke Upay: सावन का महीना शुरू हो चुका है और इस बार का पहला शनिवार (Sawan Shaniwar) विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे उत्तम समय है, जबकि शनिवार शनि देवता को समर्पित होता है। शनि देव स्वयं भगवान शिव को अपना आराध्य मानते हैं। ऐसे में सावन के शनिवार को शिवलिंग पर विशेष उपाय करने से एक साथ शिव और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।

मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक शिवलिंग पर कुछ विशेष चीजें अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा, दरिद्रता और रोगों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत पाने के लिए भी अत्यंत फलदायक होता है।

जानिए सावन के पहले शनिवार को किए जाने वाले 5 प्रभावी उपाय

काले तिल से शिव अभिषेक

शनिवार की सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल और काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। यह उपाय शनि दोष को दूर करने, पापों के नाश और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक माना जाता है।

अपराजिता या शमी पत्र अर्पण

 

शिवलिंग पर नीला अपराजिता फूल या शमी पत्र चढ़ाएं। शमी वृक्ष को शनि देवता प्रिय मानते हैं और शिव को शमी पत्र समर्पण से शनि की अशुभ दृष्टि शांत होती है। यह उपाय साढ़ेसाती, मानसिक तनाव और कानूनी मामलों में राहत दिलाने में लाभकारी होता है।

सरसों तेल का दीपक जलाएं

शिवलिंग के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दीपक को शिवलिंग के दाईं ओर रखें। इसके बाद “ॐ शनैश्चराय नमः” मंत्र का 11 या 108 बार जाप करें। यह उपाय विशेष रूप से रोग, बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव में सहायक है।

दूध-केसर का अर्पण

स्नान के बाद शुद्ध गाय के दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस उपाय से दांपत्य जीवन में चल रही कलह दूर होती है, पति-पत्नी के संबंध मधुर होते हैं और लक्ष्मी तत्व सक्रिय होकर घर में सुख-समृद्धि आती है।

शमी वृक्ष की पूजा करें

सावन के शनिवार को शमी वृक्ष की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। स्नान के बाद शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय शनि दोष, साढ़ेसाती और अन्य ग्रह बाधाओं से मुक्ति दिलाने में कारगर माना गया है।

धार्मिक मान्यता है कि इन उपायों को सूर्योदय के बाद और भोजन से पूर्व करना श्रेष्ठ होता है। भक्तों का विश्वास है कि इन उपायों से शिव और शनि दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में चल रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।

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