मीन राशि में वक्री हुए शनि, नवंबर महीने तक मिलेगा इन राशियों को लाभ

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ज्योतिष | जब भी कोई बड़ा ग्रह राशि परिवर्तन (Rashi Parivartan) करता है, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर दिखाई देता है. शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से फल देने के लिए जाने जाते हैं. परंतु ऐसा भी नहीं है कि शनि देव केवल नकारात्मक फल ही देते हो. जिन राशि के जातकों पर शनि देव मेहरबान होते हैं, उन्हें रंक से राजा बनने में ज्यादा समय नहीं लगता. जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, परिश्रम करने के साथ ईमानदारी और सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं ऐसे लोगों पर शनि की विशेष कृपा हमेशा ही बनी रहती है.

शनि देव की चाल में बदलाव

शनि को सबसे धीमी गति से चल चलने वाले ग्रह के नाम से जाना जाता है. वह एक राशि में कम से कम ढाई साल और 7. 5 साल तक विराजमान रहते हैं. ऐसे में उन्हें दोबारा इस राशि में प्रवेश करने में काफी सालों का समय लग जाता है. इस समय शनि गुरु की राशि मीन में विराजमान है और कई राजयोग का निर्माण कर रहे हैं. आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं.

29 मार्च को शनि देव ने मीन राशि में प्रवेश किया था और 13 जुलाई को इसी राशि में इन्होंने अपनी चाल में बदलाव किया. अब नवंबर महीने तक शनि देव वक्री चाल में ही रहने वाले हैं. इसके बाद, शनि देव अपनी चाल में बदलाव करेंगे. इस वजह से विपरीत राजयोग बनेगा. जब कुंडली के छठे आठवें या 12वें भाव का स्वामी, छठे आठवें या 12वे भाव में गोचर करते है तब यह राजयोग बनता है.

इनको मिलेगा विशेष लाभ

शनि छठे भाव के स्वामी होकर आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं. शनि के इस राजयोग से वैसे तो सभी राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, परंतु कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. उनकी दिनचर्या काफी अच्छी होगी. इनकम बढ़ने के भी योग दिखाई दे रहे हैं, अगर आप भी भगवान शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आपको हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. आपको शनिवार के दिन शनि देव और हनुमान जी के मंदिर में जाना चाहिए. ऐसा करने से भी शनि के दुष्प्रभाव का प्रभाव कम हो जाता है.

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Dailynews7 इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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