वाराणसी में उर्वरक कालाबाजारी रोकने हेतु व्यापक छापेमारी, 63 बिक्री केंद्रों की जांच
कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने, और उर्वरक की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वाराणसी में बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर छापेमारी अभियान चलाया गया। इस अभियान में बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध स्टॉक और पीओएस मशीन में दर्ज स्टॉक का सत्यापन किया गया। कुल 63 बिक्री केंद्रों की जांच की गई, जिसमें गुणवत्ता परीक्षण के लिए 13 उर्वरक नमूने एकत्र किए गए।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा गठित संयुक्त टीमों ने साधन सहकारी समितियों, पीसीएफ विक्रय केंद्रों, इफको सेवा केंद्र, आईएफएफडीसी, औद्यानिक समिति, और निजी उर्वरक विक्रेताओं के गोदामों पर छापेमारी की। टीमों का गठन तीन तहसीलों के लिए किया गया:
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टीम-1: उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी रितेश बिन्दल, और वरिष्ठ प्राविधिक सहायक रोहित कुमार सिंह (तहसील पिण्डरा)।
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टीम-2: जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह और जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार (तहसील सदर)।
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टीम-3: जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश कुमार विश्वकर्मा और जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आर.पी. सिंह (तहसील राजातालाब)।
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निरीक्षण के दौरान अनियमितताओं के चलते मेसर्स विश्वनाथ प्रसाद सत्याचरन (बडागांव) और मेसर्स मिश्रा ट्रेडर्स (मंगारी) के उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र निलंबित किए गए, क्योंकि दुकानें बंद कर विक्रेता फरार पाए गए। इसके अलावा, मेसर्स गुप्ता एंड कंपनी (जाल्हूपुर) को स्टॉक बोर्ड अद्यतन न होने और उर्वरक रख-रखाव में लापरवाही के लिए, तथा मेसर्स साधन सहकारी समिति (कमौली-नेवादा) और जाल्हूपुर को रोस्टर और अधिकारियों के मोबाइल नंबर प्रदर्शित न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
जिलाधिकारी ने उसी दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, प्रभारी सहायक निबंधक सहकारिता, क्षेत्र प्रबंधक इफको, जिला प्रबंधक पीसीएफ, और जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक के साथ समीक्षा की। उन्होंने उर्वरकों की निर्धारित दरों पर समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
वर्तमान में जनपद में यूरिया और अन्य रासायनिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। सभी निजी और संस्थागत उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे पीओएस मशीन के माध्यम से ही किसानों की जोत और फसल के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराएं। साथ ही, किसानों से अपील की गई है कि वे मृदा और पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करें, जिससे खेती की लागत कम होगी और आय में वृद्धि होगी।
उर्वरक से संबंधित किसी भी समस्या के लिए किसान विकास भवन के चतुर्थ तल (कमरा नंबर 402) में स्थापित उर्वरक कंट्रोल रूम (7007259547 और 9369560120) पर कार्यदिवस में संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।