CG Bharatmala Project: छत्तीसगढ़ भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला, EOW ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार, पूर्व जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल

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CG Bharatmala Project: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की बहुचर्चित भारतमाला परियोजना में करोड़ों रुपये के मुआवजा घोटाले का मामला और भी गंभीर होता जा रहा है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले में आज 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर रायपुर (Raipur) की विशेष अदालत में पेश किया है।

गिरफ्तार हुए आरोपियों में जल संसाधन विभाग में अमीन के पद पर तैनात रहे गोपाल राम वर्मा (Gopal Ram Verma), नरेन्द्र कुमार नायक (Narendra Kumar Nayak) और पूर्व जनप्रतिनिधि खेमराज कोसले (Khemraj Kosle), पुनुराम देशलहरे (Poonuram Deshlahare), भोजराम साहू (Bhojram Sahu) और कुंदन बघेल (Kundan Baghel) शामिल हैं।

बड़े नामों की गिरफ्तारी से बढ़ा राजनीतिक तापमान

CG Breaking : भारतमाला प्रोजेक्ट मुआवजा घोटाले में EOW की बड़ी कार्रवाई, 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, आरोपी खेमराज कोसले पहले जिला पंचायत सदस्य और अभनपुर (Abhanpur) जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं कुंदन बघेल करीब 10 साल तक नगर पंचायत अभनपुर के अध्यक्ष थे।

पुनुराम देशलहरे नायकबांधा गांव का पूर्व सरपंच रह चुका है। इन सभी पर किसानों से अवैध कमीशन लेने और राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर कर गलत मुआवजा दिलाने का आरोप है।

फर्जी रिपोर्ट और गलत खाता विभाजन

जांच में पता चला कि जल संसाधन विभाग के दो अफसरों ने अधिग्रहित जमीनों की फर्जी रिपोर्ट बनाई थी। बाकी चारों ने राजस्व विभाग (Revenue Department) के फरार अधिकारियों के साथ मिलकर खाता विभाजन और दस्तावेजों में गड़बड़ी कर मोटी रकम कमाई। किसानों को कम मुआवजा देकर खुद मोटा कमीशन हड़प लिया गया।

क्या है भारतमाला मुआवजा घोटाला?

भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) तक 546 किमी लंबी सड़क बननी है। रायपुर से विशाखापट्टनम तक फोरलेन और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क निर्माण हो रहा है।

इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। लेकिन SDM निर्भय साहू (Nirbhay Sahu) और राजस्व अधिकारियों ने भूमाफियाओं से साठगांठ कर किसानों को कम और खुद को कई गुना ज्यादा मुआवजा दिलवा दिया। इससे सरकार को करीब 600 करोड़ रुपये की चपत लगी।

कई अफसर फरार, वारंट जारी

इस घोटाले में SDM निर्भय साहू समेत शशिकांत कुर्रे तहसीलदार (Tehsildar), लखेश्वर किरण नायब तहसीलदार (Nayab Tehsildar) और तीन पटवारी आरोपित हैं। ये सभी फरार हैं और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। मार्च 2025 में तत्कालीन SDM को निलंबित कर घोटाले की जांच EOW को सौंपी गई थी।

जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव

EOW का कहना है कि मुआवजा घोटाले (Compensation Scam) में अभी और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। कई दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं और फरार अफसरों की तलाश की जा रही है।

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