अब कोर्ट नहीं, ऐसे सुलझेंगे केस? Darbhanga Court में मध्यस्थता पर बड़ा Focus!, जानिए
सतीश चंद्र झा, बेनीपुर, दरभंगा। बेनीपुर न्यायालय परिसर में मध्यस्थता अभियान को लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्र की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ता संघ के सदस्यों एवं प्रशिक्षित मध्यस्थों ने हिस्सा लिया।
शीघ्र न्याय के लिए मध्यस्थता को अपनाएं: प्रधान जिला जज
न्यायमूर्ति मिश्र ने कहा कि—
“राष्ट्रीय स्तर पर मुकदमों के त्वरित निपटारे के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।”
उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत निम्नलिखित मामलों को मध्यस्थता के लिए उपयुक्त बताया:
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वैवाहिक विवाद
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दुर्घटना दावा (Motor Accident Claims)
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चेक बाउंस (Section 138, NI Act)
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संपत्ति विवाद और बंटवारा
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बेदखली व भूमि अधिग्रहण
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शमनीय आपराधिक मामले
मध्यस्थता के लाभ गिनाए गए
न्यायमूर्ति मिश्र ने मध्यस्थता के निम्नलिखित मुख्य फायदे बताए:
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विवादों का शीघ्र समाधान
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समय और धन की बचत
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पक्षकारों के आपसी संबंधों में सुधार
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न्यायालयों पर मुकदमे का बोझ कम
सभी न्यायालयों को निर्देशित किया गया
बैठक में सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं से बातचीत कर उपयुक्त मामलों को प्रशिक्षित मध्यस्थों को सौंपें, जिससे लंबित मामलों का समाधान संभव हो सके।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग
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जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश माधवेन्द्र सिंह, ऋषि गुप्ता, शिव कुमार
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एसीजेएम संगीता रानी, नरेश महतो
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव आरती कुमारी
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बेनीपुर व बिरौल के न्यायिक मजिस्ट्रेट
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अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व महासचिव
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प्रशिक्षित मध्यस्थगण