Bhopal Flyover Redesign: प्रभात फ्लाईओवर की डिजाइन में होगा बदलाव, नहीं बनेगा डबल डेकर, 90 डिग्री वाले ROB से लिया सबक
हाइलाइट्स
- डबल-डेकर नहीं बनेगा प्रभात चौराहे का फ्लाईओवर।
- मेट्रो का डिजाइन फाइनल होने के बाद बदला प्लान।
- ऐशबाग आरओबी में गलती से पीडब्ल्यूडी सतर्क हुआ।
Bhopal Metro Prabhat Flyover Redesign: राजधानी भोपाल में मेट्रो परियोजना को लेकर तेजी से काम चल रहा है। इसी बीच मेट्रो रूट का फाइनल डिजाइन तैयार होने के बाद प्रभात चौराहे पर प्रस्तावित डबल-डेकर फ्लाईओवर योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। अब यह फ्लाईओवर डबल-डेकर नहीं होगा, बल्कि इसे मेट्रो के रूट के समानांतर नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा। इसके साथ ही लागत 44 करोड़ से बढ़कर 73 करोड़ रुपए हो गई है। हाल ही में मेट्रो और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रभात चौराहा फ्लाईओवर के डिजाइन को फाइनल करने को लेकर चर्चा हुई।
पीडब्ल्यूडी ने यह बदलाव करने का फैसला ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) की पिछली गलती से सबक लेते हुए लिया है, जहां 90 डिग्री का तीखा मोड़ डिजाइनिंग में बड़ी चूक साबित हुआ था और भारी आलोचना हुई थी।
प्रभात फ्लाईओवर का डिजाइन कैसा था?
पहले प्रस्तावित डिजाइन में फ्लाईओवर तीन स्तरों पर बनने वाला था, नीचे सुभाष नगर फ्लाईओवर से स्टेशन की ओर जाने वाला ट्रैफिक, बीच में पुल बोगदा से रायसेन रोड की ओर जाने वाले वाहन और सबसे ऊपर मेट्रो लाइन प्रस्तावित थी। लेकिन अब, तकनीकी और व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए इसे सरल और सुरक्षित बनाकर सिंगल लेवल पर मेट्रो के साथ समन्वयित किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी ने बदली रणनीति
पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कहना है कि जब प्रभात फ्लाईओवर का प्रारंभिक डिजाइन तैयार किया गया था, उस समय मेट्रो रूट निर्धारित नहीं हुआ था। अब मेट्रो का फाइनल डिजाइन सामने आ चुका है, इसलिए डबल-डेकर फ्लाईओवर का डिजाइन बदलाव किया जा रहा है।
डिजाइन बदलाव के साथ ही बढ़ गया बजट
फ्लाईओवर अब मेट्रो रूट के समानांतर स्वरूप में तैयार किया जाएगा। इस बदलाव के कारण परियोजना की लागत भी ₹44 करोड़ से बढ़कर ₹73 करोड़ तक पहुंच गई है। बढ़ी हुई लागत की मंजूरी के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल, ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज में 90 डिग्री मोड़ वाली गलत डिजाइन के कारण हुई आलोचना से सबक लेते हुए, पीडब्ल्यूडी अब परियोजनाओं में अधिक सतर्कता बरत रहा है।
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