वाराणसी : औद्योगिक इकाइयों में अनुदानित यूरिया के दुरुपयोग पर प्रशासन सख्त, छापेमारी में लिए नमूने

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वाराणसी। प्रमुख सचिव, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश के निर्देश पर सोमवार को जिले में अनुदानित यूरिया के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए प्रशासनिक और औद्योगिक विभाग की संयुक्त टीम ने बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान नमूने लिए गए। 

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जांच में इसकी पड़ताल की गई कि जनपद में स्थित औद्योगिक इकाइयों जैसे कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबुन, पेंट, वार्निश, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बोर्ड और पार्टीकल बोर्ड निर्माण करने वाले उद्योग में अनुदानित यूरिया का अवैध प्रयोग तो नहीं हो रहा है। जिलाधिकारी के आदेश पर उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल और उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक श्रीपाल ने तहसील राजातालाब क्षेत्र में अभियान चलाया। वहीं जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह और उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक संजीव कुमार सिंह ने टीम के साथ तहसील सदर क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों में छापेमारी की।

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जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश विश्वकर्मा और उद्योग विभाग के सहायक आयुक्त ध्रुव सिंह ने  तहसील पिण्डरा में जांच की। दिनभर चले अभियान में 6 औद्योगिक इकाइयों और उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। इस दौरान टेक्निकल ग्रेड यूरिया के 2 नमूने परीक्षण के लिए एकत्रित किए गए, जिन्हें आगे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि अनुदानित यूरिया केवल कृषि कार्यों के लिए ही उपलब्ध कराया जाता है, और इसका औद्योगिक उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। औद्योगिक संस्थानों द्वारा अनुदानित यूरिया का प्रयोग करना उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 का उल्लंघन है और इसके दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस दौरान सभी औद्योगिक इकाइयों के प्रोपराइटरों को सख्त चेतावनी दी गई कि वे अपने किसी भी उत्पाद में अनुदानित यूरिया का प्रयोग न करें। यदि निरीक्षण के दौरान इसका प्रयोग पाए जाने पर तत्काल नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना, जुर्माना और अन्य दंडात्मक प्रावधान शामिल होंगे। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है और किसी भी क्षेत्र में खाद की कमी नहीं है। किसानों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और अधिकृत विक्रेताओं से ही उर्वरक खरीदें।








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