Rewa Congress Protest:कांग्रेस के न्याय सत्याग्रह में सरकार पर निशाना,कमिश्नर कार्यालय में घुसने पर पुलिस से धक्कामुक्की

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Rewa Congress Protest Nyay Satyagraha: मध्यप्रदेश के रीवा में मंगलवार, 12 अगस्त कांग्रेस ने न्याय सत्याग्रह नाम से महंगाई और महिला अत्याचार समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कमिश्नर से मिलने को लेकर कांग्रेसी और पुलिस में खूब धक्कामुक्की हुई। इस दौरान पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार भी मौजूद थे।

कांग्रेसियों और पुलिस में धक्कामुक्की

मध्यप्रदेश में महंगाई, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ कांग्रेसी पद्मकर पार्क में एकत्रित हुए थे। यहां कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद कांग्रेसी कमिश्नर से मिलने कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां मौजूद पुलिस बल ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया।

इसके बाद पुलिस और कांग्रेसियों के बीच बहस और झड़प हो गई। इस मौके पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार भी मौजूद थे। धक्कामुक्की के बाद कांग्रेसी कमिश्रर कार्यालय में घुस गए। इस घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है।

कांग्रेसी बोले- जनहित की लड़ाई लड़ रहे

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे अपनी मांगों से कमिश्नर को अवगत कराना चाहते थे, लेकिन सीएसपी राजीव पाठक, कोतवाली थाना प्रभारी श्रृंगेश राजपूत और अन्य पुलिसकर्मियों ने अंदर जाने से रोकने का प्रयास किया। इसके बाद बात हाथापाई तक पहुंच गई। उन्होंने कहा, हम जनहित की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध किया।

सिंघार बोले- नशे पर कार्रवाई नहीं हो रही

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष लखनलाल खण्डेलवाल ने कहा, यह आंदोलन किसानों, मजदूरों, युवाओं, व्यापारियों और आम जनता के हित में है। उनका कहना था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था के हालात चरम पर हैं।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रीवा में नशीली सिरप की अवैध बिक्री और पुलिस की निष्क्रियता पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, यह तो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का गृह जिला है, जो साथ में स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। यहां जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जहां जाओ वहीं पर इसकी (नशीले सिरप) बोतल पड़ी दिखाई दे जाएगी। मुझे पार्टी के साथियों ने बताया है कि नशे की अवैध बिक्री में पुलिस के बड़े अफसरों की भी संलिप्तता है।

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