MP Moong Zahr: मूंग में तय मात्रा से 3 गुना ज्यादा कीटनाशक मिला, हार्ट समेत मांसपेशियों के लिए धीमा जहर

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Madhya pradesh Moong Zahr: मध्यप्रदेश से निकली मूंग में तय मात्रा से ज्यादा क्लोरान्ट्रानिलीप्रोल कीटनाशक मिला हुआ है, जो धीमे जहर के रूप में व्यक्ति के हार्ट, मांसपेशियों समेत अन्य अंग में घुल रहा है। यह खुलासा एक मीडिया समूह द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है।

दरअसल, विधानसभा सत्र के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मूंग में जहर होने का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने दावा किया कि प्रदेश में बिक रही मूंग में जहर नहीं है। जिसके बाद मीडिया समूह ने प्रदेश में सबसे ज्यादा मूंग उत्पादक जिलों के सरकारी खरीदी केंद्रों से मूंग के सैंपल लिए और प्रदेश की मान्यता प्राप्त लैब में 126 तरह के कीटनाशकों की जांच कराई। जिसमें सामने आया कि मूंग में तय मात्रा से तीन गुना ज्यादा क्लोरान्ट्रानिलीप्रोल कीटनाशक मिला हुआ है।

जानें कहां-कितनी मात्रा में मिला जहर

मध्य प्रदेश के रायसेन, नर्मदापुरम और खंडवा जैसे प्रमुख मूंग उत्पादक जिलों से मूंग के सैंपल लेकर लैब में जांच कराई गई। रिपोर्ट के अनुसार, रायसेन और नर्मदापुरम में यह मात्रा तय सीमा से 3.5 गुना ज्यादा और खंडवा में 2.8 गुना अधिक मिली है।

किसमें होता है कीटनाशक का उपयोग

यह क्लोरान्ट्रानिलीप्रोल कीटनाशक, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कीड़ों को लकवाग्रस्त करने के लिए होता है, इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल चाय बागानों में फैलने वाले कीटों को नष्ट करने में किया जाता है।

शरीर पर कैसे हो रहा असर

अगर लंबे समय तक शरीर में जाता रहे तो मांसपेशियों और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। भोपाल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रणव रघुवंशी के मुताबिक, कम मात्रा में इसका सेवन करने पर उल्टी, पेट दर्द, सिरदर्द और चक्कर आ सकते हैं। ज्यादा मात्रा में और लंबे समय तक इसका सेवन से दिल, मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम पर गंभीर असर पड़ सकता है, जिससे शरीर में कमजोरी और थकान हो सकती है।

किस श्रेणी में ये कीटनाशक ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने क्लोरान्ट्रानिलीप्रोल को ‘क्लास U’ में रखा है, जिसका मतलब है कि यह तुरंत जानलेवा नहीं है, लेकिन इसका तय सीमा से ज्यादा सेवन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

क्या कीटनाशक पर है पाबंदी ?

यह कीटनाशक प्रतिबंधित नहीं है, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इसकी एक निश्चित अधिकतम अवशेष सीमा (MRL) तय की है, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है।

इस्तेमाल की क्या है सीमा ?

कीटनाशक की सीमा 0.01 मिलीग्राम प्रति किलो होनी चाहिए, जबकि नर्मदापुरम-रायसेन में यह 0.035 मिलीग्राम/किलो और खंडवा में 0.028 मिलीग्राम/किलो पाई गई है।

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