काशी में लौटेगा गुरुकुल का दौर: पूर्व मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने उठाया बीड़ा, हर वार्ड में खुलेगा ‘डिजिटल गुरुकुल’

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वाराणसी। दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने अपने 75 दिवसीय वार्ड प्रवास के 31वें दिन मंगलवार को दुर्गाकुंड वार्ड का दौरा किया। इस दौरान डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि दक्षिणी विधानसभा के प्रत्येक वार्ड में डिजिटल गुरुकुल स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक डिजिटल गुरुकुल में करीब 10 कंप्यूटर होंगे, जो एक डिजिटल लाइब्रेरी का रूप लेंगे। इस लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से लेकर बेसिक विषयों तक का सम्पूर्ण पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही संबंधित विभागों से बातचीत कर इस योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।

ध्वनि प्रदूषण विनियमन व नियंत्रण नियम -2000 के मुताबिक ध्वनि के स्तर को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी. कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक आवासीय इलाकों में पावरलूम व अन्य प्रकार का शोर केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस विभाग को अपनी ताकत और जिम्मेदारियां का पता नहीं है. पुलिस विभाग के पुलिस उप अधीक्षक या इससे ऊपर के अधिकारी को यह कानूनी शक्ति दी गई है कि वह आवासीय इलाके में चल रहे किसी भी शादी-विवाह या धार्मिक कार्यक्रम के शोर पर स्वतः संज्ञान लेकर एक्शन ले सकते हैं, साथ ही कल कारखाने अथवा पावरलूम के शोर पर SUO MOTTO, स्वतः संज्ञान लेते हुए 15 दिन की नोटिस दे सकते हैं कि या तो पावरलूम कारखाने को साउंड प्रूफ करा लें और  साउंड प्रूफ मशीन लगवाएं. नोटिस में साफ लिखा जाए कि अन्यथा की स्थिति में ऐसे कारखाने को सील करके पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. फिर भी शोर करने वालों पर मुकदमा करके सभी मीडिया में प्रकाशित कराया जाये, क्योंकि भय बिनु होये न प्रीत.  https://cpcb.nic.in/noise-pollution/

वार्ड प्रवास के दौरान विधायक ने अधिकारियों के साथ क्षेत्र का भ्रमण किया और स्थानीय लोगों की शिकायतों का त्वरित निवारण करने के निर्देश दिए। एक स्थान पर लंबे समय से चोक सीवर लाइन के कारण जलजमाव की समस्या को देखते हुए डॉ. तिवारी ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई और मौके पर ही अपनी निगरानी में सीवर लाइन को दुरुस्त कराया। इसके साथ ही वार्ड में स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। 

ध्वनि प्रदूषण विनियमन व नियंत्रण नियम -2000 के मुताबिक ध्वनि के स्तर को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी. कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक आवासीय इलाकों में पावरलूम व अन्य प्रकार का शोर केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस विभाग को अपनी ताकत और जिम्मेदारियां का पता नहीं है. पुलिस विभाग के पुलिस उप अधीक्षक या इससे ऊपर के अधिकारी को यह कानूनी शक्ति दी गई है कि वह आवासीय इलाके में चल रहे किसी भी शादी-विवाह या धार्मिक कार्यक्रम के शोर पर स्वतः संज्ञान लेकर एक्शन ले सकते हैं, साथ ही कल कारखाने अथवा पावरलूम के शोर पर SUO MOTTO, स्वतः संज्ञान लेते हुए 15 दिन की नोटिस दे सकते हैं कि या तो पावरलूम कारखाने को साउंड प्रूफ करा लें और  साउंड प्रूफ मशीन लगवाएं. नोटिस में साफ लिखा जाए कि अन्यथा की स्थिति में ऐसे कारखाने को सील करके पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. फिर भी शोर करने वालों पर मुकदमा करके सभी मीडिया में प्रकाशित कराया जाये, क्योंकि भय बिनु होये न प्रीत.  https://cpcb.nic.in/noise-pollution/

स्वच्छता और पौधारोपण पर जोर
स्वच्छता अभियान के बाद विधायक ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत 5 पौधों का रोपण किया। उन्होंने क्षेत्र के वरिष्ठजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। इस दौरान हुई चर्चा में गुरुकुल पद्धति का जिक्र हुआ, जिसके आधार पर डॉ. तिवारी ने डिजिटल गुरुकुल की स्थापना की घोषणा की।

ध्वनि प्रदूषण विनियमन व नियंत्रण नियम -2000 के मुताबिक ध्वनि के स्तर को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी. कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक आवासीय इलाकों में पावरलूम व अन्य प्रकार का शोर केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस विभाग को अपनी ताकत और जिम्मेदारियां का पता नहीं है. पुलिस विभाग के पुलिस उप अधीक्षक या इससे ऊपर के अधिकारी को यह कानूनी शक्ति दी गई है कि वह आवासीय इलाके में चल रहे किसी भी शादी-विवाह या धार्मिक कार्यक्रम के शोर पर स्वतः संज्ञान लेकर एक्शन ले सकते हैं, साथ ही कल कारखाने अथवा पावरलूम के शोर पर SUO MOTTO, स्वतः संज्ञान लेते हुए 15 दिन की नोटिस दे सकते हैं कि या तो पावरलूम कारखाने को साउंड प्रूफ करा लें और  साउंड प्रूफ मशीन लगवाएं. नोटिस में साफ लिखा जाए कि अन्यथा की स्थिति में ऐसे कारखाने को सील करके पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. फिर भी शोर करने वालों पर मुकदमा करके सभी मीडिया में प्रकाशित कराया जाये, क्योंकि भय बिनु होये न प्रीत.  https://cpcb.nic.in/noise-pollution/

इस अवसर पर नगर निगम के कई अधिकारी, मंडल अध्यक्ष राजीव सिंह डब्बू, पूर्व मंडल अध्यक्ष गोपालजी गुप्ता, पार्षद अक्षयबर सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।

ध्वनि प्रदूषण विनियमन व नियंत्रण नियम -2000 के मुताबिक ध्वनि के स्तर को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी. कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक आवासीय इलाकों में पावरलूम व अन्य प्रकार का शोर केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस विभाग को अपनी ताकत और जिम्मेदारियां का पता नहीं है. पुलिस विभाग के पुलिस उप अधीक्षक या इससे ऊपर के अधिकारी को यह कानूनी शक्ति दी गई है कि वह आवासीय इलाके में चल रहे किसी भी शादी-विवाह या धार्मिक कार्यक्रम के शोर पर स्वतः संज्ञान लेकर एक्शन ले सकते हैं, साथ ही कल कारखाने अथवा पावरलूम के शोर पर SUO MOTTO, स्वतः संज्ञान लेते हुए 15 दिन की नोटिस दे सकते हैं कि या तो पावरलूम कारखाने को साउंड प्रूफ करा लें और  साउंड प्रूफ मशीन लगवाएं. नोटिस में साफ लिखा जाए कि अन्यथा की स्थिति में ऐसे कारखाने को सील करके पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. फिर भी शोर करने वालों पर मुकदमा करके सभी मीडिया में प्रकाशित कराया जाये, क्योंकि भय बिनु होये न प्रीत.  https://cpcb.nic.in/noise-pollution/








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