Abhijita Rathore Organ Donation: इंदौर की हाईकोर्ट वकील अभिजीता राठौर ने ब्रेन डेड के बाद किया अंगदान
हाइलाइट्स
- अभिजीता राठौर ने ब्रेन डेड के बाद किया अंगदान
- भावुक विदाई में पति ने पहनाया मंगलसूत्र
- लंग्स इंफेक्शन से शुरू हुई थी परेशानी
Abhijita Rathore Organ Donation: इंदौर की जानी-मानी हाईकोर्ट वकील अभिजीता राठौर ने जीवन के अंतिम क्षणों में भी मानवता की मिसाल पेश की। रविवार को उनके ब्रेन डेड घोषित होने के बाद परिवार ने अंगदान का निर्णय लिया। इसके लिए शहर का 65वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस कॉरिडोर के जरिए अभिजीता का लिवरऔर दोनों किडनियां इंदौर के तीन बड़े अस्पतालों सीएचएल हॉस्पिटल , जुपिटर हॉस्पिटल और चोइथराम हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट के लिए पहुंचाई गईं।

भावुक विदाई में पति ने पहनाया मंगलसूत्र
जुपिटर हॉस्पिटल में माहौल बेहद भावुक हो गया, जब पति प्रवीण राठौर ने पत्नी को अंतिम बार मंगलसूत्र पहनाकर विदाई दी। इसके बाद अस्पताल स्टाफ और सेवादारों की मौजूदगी में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मुस्कान ग्रुप पारमार्थिक ट्रस्ट के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने बताया कि अंगदान की पूरी प्रक्रिया रातभर चली। लिवर और किडनी के सफल ट्रांसप्लांट के बाद कई मरीजों को नया जीवन मिला।
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लंग्स इंफेक्शन से शुरू हुई थी परेशानी
भाई अभिजीत सिंह राठौर के अनुसार, 25 अक्टूबर को अभिजीता को लंग्स इंफेक्शन हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान ब्रेन में ब्लड क्लॉट बनने से उनकी हालत बिगड़ती गई और 1 नवंबर को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

कानूनी जगत में बनाई थी अलग पहचान
अभिजीता राठौर ने अपने भाई की मदद से जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में वकालत की शुरुआत की थी। अपनी सादगी, मेहनत और कानूनी ज्ञान से उन्होंने वकालत जगत में अलग पहचान बनाई। उनके पति प्रवीण राठौर रेलवे कॉन्ट्रेक्टर हैं। परिवार में 13 वर्षीय बेटी पर्णिका और 5 वर्षीय बेटा अभिरत्न है। उनके बड़े भाई अभिजीत सिंह राठौर इंदौर में लोक अभियोजक हैं, जबकि पिता रतन सिंह राठौर लोक अभियोजन विभाग में डिप्टी डायरेक्टर रह चुके हैं। माता गिरिबाला राठौर शिक्षाविद हैं।

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