सरसों की खेती में एनपीएस उर्वरक के प्रयोग की अपील, कृषि अधिकारियों ने किया उर्वरक विक्रेताओं का निरीक्षण
वाराणसी। खरीफ सीजन में उर्वरक वितरण की निगरानी और किसानों को सही मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से गुरुवार को विकासखंड अराजीलाइन में उर्वरक बिक्री केंद्रों का निरीक्षण उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल और जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान अधिकारियों ने विक्रेताओं के वितरण रजिस्टर का गहन सत्यापन किया और किसानों से फोन पर बात कर क्रय की गई उर्वरक की मात्रा एवं मूल्य की पुष्टि की।
निरीक्षण के दौरान किसानों ने बताया कि उन्हें निर्धारित दर पर सही मात्रा में उर्वरक मिल रहा है और किसी प्रकार की समस्या नहीं है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वर्तमान समय में जनपद के सभी क्षेत्रों में यूरिया, डीएपी और एनपीएस उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, इसलिए किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने किसानों से अपील की कि वे उर्वरक खरीदते समय अपनी खेत की खतौनी अवश्य लेकर आएं और उपलब्ध क्षेत्रफल के अनुसार ही उर्वरक का क्रय करें। उन्होंने विशेष रूप से सरसों की खेती करने वाले किसानों को सलाह दी कि वे डीएपी की जगह एनपीएस उर्वरक का प्रयोग करें।
संगम सिंह ने बताया कि- “एनपीएस उर्वरक में नाइट्रोजन और फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर भी पाया जाता है, जिससे सरसों की फसल का उत्पादन अधिक होता है। साथ ही इसमें तेल की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बेहतर हो जाती हैं। कम लागत में अधिक उत्पादन मिलने से किसानों की आय में वृद्धि होगी।”
उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल ने भी किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार द्वारा जनपद में उर्वरक आपूर्ति की पूरी व्यवस्था की गई है और अधिक वितरण करने वाले विक्रेताओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।