Amit Baghel Supreme Court: SC ने अमित बघेल को लगाई फटकार, कहा—‘ज़ुबान पर लगाम रखें’; सभी FIR पर अलग-अलग राज्यों में होगा ट्रायल
Amit Baghel Supreme Court : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अपने विवादित बयानों को लेकर अग्रिम जमानत और दर्ज FIR को क्लब करने की मांग के साथ वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने उनके तर्कों को खारिज कर दिया। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा- “अपनी ज़ुबान पर लगाम रखें। जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।”
अग्रिम जमानत पर नहीं मिली राहत
24 नवंबर की सुनवाई में पीठ ने साफ संकेत दिया कि अदालत इस मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगी। कोर्ट ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि पुलिस उन्हें अलग-अलग राज्यों में ले जाएगी, “पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए।” अमित बघेल पिछले 26 दिनों से फरार हैं और उन पर 12 राज्यों में FIR दर्ज है।
अमित बघेल को नहीं मिली राहत
अमित बघेल की ओर से दलील
सुनवाई के दौरान बघेल की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि उनका बयान स्वीकार्य नहीं था, लेकिन वह गुस्से में दिया गया था और किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ में पहले से पाँच FIR दर्ज हैं, इसलिए अन्य राज्यों के केस को वहीं ट्रांसफर कर दिया जाए।
लेकिन अदालत ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया।
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देशभर में सिंधी समाज का विरोध
बघेल के बयान के बाद सिंधी समाज और अग्रवाल समुदाय ने देशभर में प्रदर्शन किया था। कई राज्यों में पुतले फूंके गए और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्य सरकारों को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की गई।आरोप है कि बघेल ने वीडियो बयान में सिंधी समाज को “पाकिस्तानी” कहकर अपमानित किया था, जिससे आक्रोश फैल गया।
क्या था पूरा विवाद?
27 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने के विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित बघेल ने अग्रसेन महाराज और झूलेलाल जैसे सिंधी समाज के पूज्य देवताओं के खिलाफ टिप्पणी की थी। यह बयान तेजी से वायरल हुआ और देखते ही देखते विवाद राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया।
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कहां-कहां दर्ज हैं FIR?
छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, जगदलपुर, सरगुजा, रायगढ़ और धमतरी में FIR दर्ज हैं। इसके अलावा MP के इंदौर, ग्वालियर, UP के प्रयागराज, नोएडा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी मामले दर्ज हैं।
कानूनी घेरा और कस सकता है
FIR क्लबिंग याचिका खारिज होने के बाद अमित बघेल की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं। अब उन्हें हर राज्य में अलग-अलग कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। पुलिस टीमें लगातार उनकी तलाश में हैं और जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
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