एक और पति बना पत्नी के अवैध संबंधों का शिकार, छुट्टियां मनाने पंहुचा था गांव, बहनोई ने कर दिया काम तमाम

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Murder: विवाहेतर संबंध अक्सर जीवन में तूफ़ान बनकर आता है. जिससे पूरे परिवार की इज्जत बर्बाद हो जाती है. सोनम और राजा रघुवंशी की तरह ही कुछ इसकी कहानी है. राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ में रिश्तों को कलंकित करने वाली एक खौफनाक हत्या का राज उजागर हुआ है. अवैध संबंधों के चलते पत्नी ने अपने पति की हत्या ( Murder) की साजिश रची और अपने देवर की मदद से इसे अंजाम दिया। चलिए आगे जानते हैं क्या है पूरा मामला?

क्या है पूरा मामला

घटना 18 मार्च 2019 की रात की है। मजदूर सहीराम महाराष्ट्र के अकोला से छुट्टी मनाने अपने गांव लौटा था. उस रात गांव में घिंडार नृत्य का कार्यक्रम था, जिसमें भाग लेने के बाद सहीराम वापस नहीं लौटा. अगली सुबह उसका शव रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत हालत में मिला। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या माना और मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए करीब 100 सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन असली सुराग तब मिला जब उसका अपना बेटा सामने आया और इस हत्या ( Murder)की पूरी घटना बताई।

बच्चे ने खोली पोल

Another Husband Became The Victim Of Wife’S Illicit Relationship

बच्चे ने बताया कि उसने अपनी मां को अपने पिता की हत्या ( Murder) करते देखा था। उसकी गवाही पुलिस के लिए निर्णायक साबित हुई। बच्चे की पहचान और बयान के आधार पर महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना ने जहां एक मासूम बच्चे को उसके पिता से छीन लिया, वहीं उसकी मां को भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यह कहानी महज एक हत्याकांड नहीं, बल्कि रिश्तों की जटिलता, प्यार के नाम पर होने वाले अपराध और मासूमों की हिम्मत का प्रतीक बन गई है। ‘अजब प्यार की गजब कहानी’, जिसने पूरे राजस्थान को हिलाकर रख दिया।

फ़िल्मी स्टाइल की Murder

18 मार्च की रात को शंकरलाल और रामेश्वर ने सहीराम को बाइक घुमाने के बहाने खेतों में ले जाकर रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या ( Murder) कर दी। इसके बाद हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया, ताकि लगे कि ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हुई है। श्रीडूंगरगढ़ एडीजे कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने पुख्ता सबूत और गवाह पेश किए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल से साबित हो गया कि यह हत्या सुनियोजित थी। अदालत ने आरोपी पत्नी इंद्रा, साले शंकरलाल और सहयोगी रामेश्वर को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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