Anwar Dhebar Parole : अनवर ढेबर की पैरोल 7 दिन के लिए बढ़ी, 3200 करोड़ शराब घोटाले का आरोपी पुलिस निगरानी में पहुंचा घर

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हाइलाइट्स 

  • 7 दिन के लिए पैरोल और बढ़ी
  • 3200 करोड़ का घोटाला मामला
  • पुलिस पहरे में घर पहुंचे ढेबर

Anwar Dhebar Parole : छत्तीसगढ़ में चर्चित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी और होटल व्यवसायी अनवर ढेबर को एक बार फिर हाईकोर्ट से राहत मिली है। मां की तबीयत का हवाला देकर उन्होंने अपनी पैरोल अवधि बढ़ाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है।

अब उन्हें 7 दिन की अतिरिक्त पैरोल मिल गई है। इससे पहले उन्हें चार दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी, जो समाप्त हो चुकी थी। मंगलवार रात को अनवर ढेबर कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच रायपुर स्थित अपने निजी निवास पहुंचे।

घर के बाहर पुलिस तैनात

Anwar Dhebar Parole : अनवर ढेबर की पैरोल 7 दिन के लिए बढ़ी, 3200 करोड़ शराब घोटाले का आरोपी पुलिस निगरानी में पहुंचा घर
चार दिन की मिली थी अंतरिम जमानत

रायपुर पुलिस और EOW की सतर्कता को देखते हुए ढेबर के निवास पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। उनके घर के बाहर पुलिस बल तैनात है और हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जानकारी बाकायदा रजिस्टर में दर्ज की जा रही है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि जांच के दौरान किसी प्रकार की बाधा या बाहरी हस्तक्षेप न हो। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है और समय-समय पर सुरक्षा रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है।

4 दिन की अंतरिम राहत के बाद बढ़ा पैरोल

अनवर ढेबर को पहले चार दिन की अंतरिम जमानत मिली थी, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यह राहत केवल मानवीय आधार पर दी जा रही है, ताकि वह अपनी बीमार मां से मिल सकें। जमानत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें वापस जेल जाना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने एक बार फिर कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते हुए पैरोल को 7 दिन और बढ़ा दिया है। अब वे इस अवधि में भी घर पर ही रहेंगे, लेकिन सख्त निगरानी में।

Anwar Dhebar ParoleAnwar Dhebar Parole
अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से चार दिन की मिली जमानत

3200 करोड़ से ज्यादा का घोटाला

अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शराब घोटाले के कथित मास्टरमाइंड माने जा रहे हैं। EOW और ACB की संयुक्त जांच में अब तक 3200 करोड़ रुपये से ज्यादा के अवैध लेन-देन और शराब बिक्री का खुलासा हो चुका है।

जांच एजेंसियों के अनुसार, करीब 60 लाख से ज्यादा पेटी शराब (बी-पार्ट) की गैरकानूनी बिक्री हुई, जिसकी कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। शुरुआत में यह घोटाला 2161 करोड़ का बताया गया था, लेकिन नए डिजिटल सबूतों और 200 से अधिक गवाहों के बयान के बाद अनुमानित राशि और बढ़ गई है।

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सत्ता से जुड़े चेहरों पर भी कार्रवाई

इस बहुचर्चित घोटाले में सिर्फ कारोबारी ही नहीं, बल्कि राजनीति और नौकरशाही से जुड़े कई बड़े नाम भी सामने आए हैं। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा, और कारोबारी अनवर ढेबर समेत 15 प्रमुख आरोपी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

EOW की चार्जशीट में अब तक 70 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें राज्य की आठ प्रमुख डिस्टलरी के संचालक भी शामिल हैं। जांच एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि यह घोटाला संगठित रूप से संचालित किया गया था, जिसमें सत्ता, व्यापार और अफसरशाही की तिकड़ी सक्रिय रही।

अभी और खुलासे बाकी

जांच अधिकारियों का मानना है कि यह घोटाला जितना बड़ा दिख रहा है, हकीकत में उससे भी अधिक गहराई और नेटवर्क में फैला हुआ है। अभी कई नाम ऐसे हैं जिनकी भूमिका पर एजेंसियां नजर बनाए हुए हैं। जांच की रफ्तार तेज है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

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