आयुष्मान कार्ड धारकों की बढ़ेगी परेशानी, इन बीमारियों का अब प्राइवेट अस्पतालों में नहीं मिलेगा इलाज
चंडीगढ़ | हरियाणा में आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) धारकों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है. इस खबर ने आयुष्मान और चिरायु योजना के तहत, उपचार लेने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है. आयुष्मान योजना के तहत, होने वाले मोतियाबिंद और बच्चेदानी के ऑपरेशन अब प्राइवेट अस्पतालों में नहीं हो पाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में दिशा- निर्देश जारी किए हैं. इसे मंगलवार से लागू कर दिया गया है.
सरकार ने दिया यह तर्क
प्राइवेट अस्पतालों में इन ऑपरेशन के उपचार को बंद करने के पीछे स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि इस फैसले से वह सरकारी अस्पतालों में उपचार को बढ़ावा देंगे. सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा था कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन सरकारी अस्पतालों की तुलना में प्राइवेट अस्पतालों में अधिक हो रहे थे. इस कारण सरकार को एक बड़ी धनराशि प्राइवेट अस्पतालों को चुकानी पड़ रही थी.
उन्होंने बताया कि एक मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए प्राइवेट अस्पताल को 7,500 रुपये का भुगतान किया जाता है. प्रदेश सरकार के इस फैसले से बुजुर्ग मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी होगी क्योंकि सबसे ज्यादा मोतियाबिंद का उपचार निजी अस्पतालों में बुजुर्ग ही करवाते हैं.
सरकारी अस्पतालों के लिए रिजर्व हुए कई इलाज
आयुष्मान भारत योजना में शामिल पात्रों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बदलाव किया है. पात्रों का अब प्राइवेट अस्पताल में मोतियाबिंद, बच्चेदानी और पित्त की थैली का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा. विभाग ने पांच पैकेज को आयुष्मान पैनल में शामिल निजी अस्पतालों से हटा दिया है. ये पैकेज सरकारी अस्पतालों के लिए रिजर्व किए गए हैं. यानि मरीजों को अगर मोतियाबिंद, पित्त की थैली या फिर बच्चेदानी का ऑपरेशन करवाना है, तो सरकारी अस्पतालों में जाना होगा.
यही नहीं, उल्टी और दस्त लगने पर भी आयुष्मान पात्र प्राइवेट अस्पताल में ईलाज नहीं करवा पाएंगे. सांस संबंधित बीमारी के पैकेज को भी इससे हटा दिया गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले से आयुष्मान कार्ड धारकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है.