Balrampur Bank Scam: बलरामपुर में सहकारी बैंक में 26 करोड़ का घोटाला, फर्जी खातों से उड़ाई किसानों की रकम, 11 आरोपी गिरफ्तार
Balrampur Bank Scam: बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कुसमी और शंकरगढ़ सहकारी बैंक शाखाओं में बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलकर 26 करोड़ 47 लाख रुपए से ज्यादा की हेराफेरी की गई। इस घोटाले का खुलासा 2012 से 2022 तक की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है।
सरकारी अनुदान और कर्ज की राशि हुई गबन
बलरामपुर एसपी वैभव बेंकर ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपी सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले ऋण और अनुदान को हड़पने के लिए किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलते थे। जिन खातों में राशि ट्रांसफर होती थी, उनमें से कई किसान तो इन खातों के अस्तित्व से ही अनजान थे।
बैंक अफसरों और समिति प्रबंधकों की मिलीभगत
इस संगठित घोटाले में बैंक के कर्मचारी, शाखा प्रबंधक, पर्यवेक्षक, सहायक लेखापाल और समिति प्रबंधक तक शामिल थे। लंबे समय तक बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा चलता रहा, लेकिन विस्तृत ऑडिट और जांच के बाद पूरे मामले की परतें खुल गईं।
11 आरोपी हिरासत में, आगे की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। प्रशासन ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि और भी कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आ सकती है।
गिरफ्तार आरोपी के नाम-
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विकास चंद पांडवी (पर्यवेक्षक)
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अशोक कुमार सोनी (तत्कालीन शाखा प्रबंधक)
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एतबल सिंह (सहायक मुख्य पर्यवेक्षक)
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समल साय (सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक)
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जगदीश प्रसाद (सहायक लेखापाल)
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ताबरक अली (लिपिक)
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लक्ष्मण देवांगन (संस्था प्रबंधक)
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राजेंद्र प्रसाद पांडेय (मुख्य पर्यवेक्षक)
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सुदेश यादव (समिति प्रबंधक)
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प्रकाश कुमार सिंह (कंप्यूटर ऑपरेटर)
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राजेंद्र गुप्ता (प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक)
अब जांच की निगाहें अन्य कर्मचारियों पर
प्रशासन का कहना है कि यह घोटाला एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जिसमें कई स्तरों पर मिलीभगत की गई। फिलहाल पुलिस अन्य संदिग्ध कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है।
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