नवरात्र पर मांगा नौ दिन का शराब और मांस बिक्री पर प्रतिबंध

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वाराणसी। शारदीय नवरात्र की पावन बेला 22 सितम्बर से प्रारंभ हो रही है। इस दौरान पूरे प्रदेश में माहौल सात्विक और भक्तिमय रहता है। श्रद्धालु नौ दिनों तक व्रत-उपवास रखते हुए मां दुर्गा की साधना और पूजा-अर्चना करते हैं। जगह-जगह पर दुर्गा पूजा के पंडाल सजाए जाते हैं और वातावरण देव ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।

शारदीय नवरात्र की पावन बेला 22 सितम्बर से प्रारंभ हो रही है। इस दौरान पूरे प्रदेश में माहौल सात्विक और भक्तिमय रहता है। श्रद्धालु नौ दिनों तक व्रत-उपवास रखते हुए मां दुर्गा की साधना और पूजा-अर्चना करते हैं। जगह-जगह पर दुर्गा पूजा के पंडाल सजाए जाते हैं और वातावरण देव ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।

इसी कड़ी में भगवती मानव कल्याण संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी वाराणसी को पत्र लिखकर नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। संगठन ने कहा कि पूजा-पर्व के समय शराब और मांस की बिक्री से वातावरण दूषित होता है और साधना कर रहे लोगों को मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ता है।

संगठन के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि यह संगठन परमहंस योगीराज  शक्तिपुत्र जी महाराज के मार्गदर्शन में काम कर रहा है और इसके 20 लाख से अधिक साधक-साधिकाएं नशा एवं मांसाहार मुक्त समाज बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।

शारदीय नवरात्र की पावन बेला 22 सितम्बर से प्रारंभ हो रही है। इस दौरान पूरे प्रदेश में माहौल सात्विक और भक्तिमय रहता है। श्रद्धालु नौ दिनों तक व्रत-उपवास रखते हुए मां दुर्गा की साधना और पूजा-अर्चना करते हैं। जगह-जगह पर दुर्गा पूजा के पंडाल सजाए जाते हैं और वातावरण देव ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।

संगठन ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि गोरखपुर मंडल की तर्ज पर पूरे उत्तर प्रदेश में नवरात्र के नौ दिनों तक शराब और मांस की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित की जाए, ताकि बहुसंख्यक समाज की धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो सके और वातावरण शुद्ध एवं भक्तिमय बना रहे।








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