Bhind School Snake Rescue: क्लास में चल रही थी पढ़ाई, स्कूल में निकले 11 सांप, 10 को मारा, 30 अंडे भी मिले, मचा हड़कंप – Bansal news
हाइलाइट्स
- भिंड के सरकारी स्कूल में निकले कई सांप, मचा हड़कंप।
- सर्प मित्र ने एक सांप का रेस्क्यू किया, 30 अंडे बरामद।
- ग्रामीणों ने 10 सांप को मारा, स्कूल में कर दी गई छुट्टी।
MP Bhind School Snake Incident: क्या आपने कभी सोचा है कि स्कूल जैसी सुरक्षित जगह पर अचानक एक साथ कई सांप निकल आएं? मध्यप्रदेश के भिंड जिले में कुछ ऐसा ही हुआ, जब एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक-एक करके 11 सांप निकल आए। डर के मारे बच्चों और शिक्षकों में हड़कंप मच गया।
सांपों को देख कर स्कूल में भगदड़ का माहौल बन गया, इसके बाद तुरंत स्कूल की छुट्टी कर दी गई। इसके बाद ग्रामीणों ने लाठियों से 10 सांपों को मार डाला, सूचना मिलते हुए पहुंचे सर्प मित्र ने 11वें सांप का रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया, जबकि 30 अंडे भी बरामद हुए, जिन्हें जंगल के नदी किनारे मिट्टी में सुरक्षित दबा दिया गया। पकड़ा गया सांप घोड़ा पछाड़ प्रजाति का है।
भिंड के स्कूल में सांपों की दस्तक
भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय मानहड़ में बच्चों की सामान्य पढ़ाई चल रही थी। तभी एक क्लासरूम में अचानक एक सांप नजर आया, जिसे देखकर बच्चों में चीख-पुकार मच गई। जैसे ही ग्रामीणों को खबर मिली, वे लाठियां लेकर स्कूल पहुंचे और पहले सांप को मार दिया। लेकिन यही सिलसिला नहीं रुका। थोड़ी ही देर में एक-एक कर 10 सांप और स्कूल परिसर में नजर आए, जिन्हें ग्रामीणों ने लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला, इसके बाद बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तत्काल स्कूल में छुट्टी कर दी गई।
11वें सांप और 30 अंडों का रेस्क्यू
जब ग्रामीणों और शिक्षकों ने मिलकर स्कूल में सांपों को ढूंढना शुरू किया तो क्लास के एक कोने में एक और सांप और लगभग 30 अंडे पाए गए। तब मौके पर सर्प मित्र जग्गू परिहार को बुलाया गया। उन्होंने वहां एक जीवित सांप का सुरक्षित रेस्क्यू किया और उसे पास की नदी में छोड़ दिया।
सर्प मित्र ने स्कूल में मिले सभी 30 अंडों को एक डब्बे में भरकर नदी किनारे ले जाकर मिट्टी में सुरक्षित दबा दिया। इससे भविष्य में उन अंडों से निकलने वाले सांपों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। वहीं घटना से टीचर्स और बच्चे डरे हुए हैं।

स्कूल भवन की हालत पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि स्कूल भवन न केवल जर्जर हालत में है, बल्कि परिसर में गंदगी और झाड़ियाँ इतनी बढ़ चुकी हैं कि वे सांपों के छिपने की सुरक्षित जगह बन गई हैं।
बरसात के मौसम में यह समस्या और भी भयावह हो गई है, जहां दीवारों और झाड़ियों में सांपों का बसेरा बन गया है। ग्रामीणों का मानना है कि अगर समय पर सांपों का रेस्क्यू नहीं किया जाता, तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
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मरम्मत नहीं, तो पढ़ाई नहीं
घटना से चिंतित अभिभावकों ने प्रशासन को स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि
“जब तक स्कूल भवन की समुचित मरम्मत और सफाई नहीं कराई जाती, तब तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।”
प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
यह मामला न सिर्फ विद्यालय की भौतिक स्थिति पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाही बरती है। एक तरफ सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुरक्षित वातावरण देने की बात करती है, और दूसरी तरफ जमीनी हकीकत इसके उलट नजर आती है।
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