Bhopal SEIAA Officers Controversy: मर्यादा के बाहर बोलने की किसी को अनुमति नहीं, SEIAA के अफसरों के विवाद पर भाजपा MLA ने कहा- मामले पर CM ने लिया संज्ञान
Madhya Pradesh Bhopal SEIAA Officers Controversy Update: भोपाल में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (SEIAA) में दो अफसरों के बीच के विवाद पर भाजपा के विधायक भगवानदास सबनानी का बयान सामने आया है। विधायक भगवानदास सबनानी ने मीडियो से चर्चा में कहा कि मर्यादा के बाहर बोलने की किसी को अनुमति नहीं है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। बीच का रास्ता निकलेगा। हर एक व्यक्ति के लिए एक मर्यादा तय है।
भोपाल में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (SEIAA) के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान ने पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर परियोजनाओं में अनियमित पर्यावरणीय स्वीकृतियां देने का गंभीर आरोप लगाया है। चौहान ने खुद विसिलब्लोअर की भूमिका निभाते हुए पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत कोठारी और SEIAA की सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी के खिलाफ FIR दर्ज करने की सिफारिश की थी।
SEIAA चेयरमैन का कार्यालय सील
विभाग में गंभीर घोटाले के खुलासे के बाद सोमवार को SEIAA चेयरमैन के कार्यालय में ताला जड़ दिया गया, प्रमुख सचिव नवनीत कोठारी के निर्देश पर ऑफिस को सील किया गया है। जिससे प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि मामला 400 से अधिक परियोजनाओं से जुड़ा है, जिनकी फाइलों को नियमों को ताक पर रखकर स्वीकृति दी गई थी। चेयरमैन ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार बताते हुए मामले की जानकारी मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री को भी दी थी।
SEIAA का पूरा मामला क्या है?
MP के SEIAA अध्यक्ष शिवनारायण सिंह चौहान (सेवानिवृत्त IAS) ने दो आईएएस अधिकारियों पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी और SEIAA की सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों पर खनिज माफिया के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप लगे हैं। दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने 237 पर्यावरणीय अनुमतियों को नियम विरुद्ध तरीके से जारी किया। खनिज माफिया से मिलीभगत करके पर्यावरण से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया है। साथ ही पर्यावरणीय प्रक्रिया को पूरी तरह बिगाड़ा है। कई अनुमतियां नियमों के खिलाफ दी गई थीं।
क्या है SEIAA?
दरअसल, SEIAA यानि राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारित प्राधिकरण (State Level Environment Impact Assessment Authority) एक संवैधानिक संस्था है जो प्रदेश में पर्यावरणीय अनुमोदन (clearance) देती है। इस संस्था के अध्यक्ष (Chairman) का उत्तरदायित्व होता है कि सभी परियोजनाएं पर्यावरणीय मानकों का अनुपालन करें।
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