Bihar Administrative Service: सेवा इतिहास, रिमाइंडर, लापरवाह, फंसे Digital Bihar के 15 अफसर, अब गाज, पूछताछ-?

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बिहार सरकार की डिजिटलीकरण नीति और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) के 15 अधिकारियों को शोकॉज नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। इन अधिकारियों पर यह आरोप है कि बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद उन्होंने सेवा इतिहास पोर्टल (Service History Portal) पर अपनी जानकारी अपडेट नहीं की।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं के अपडेशन को लेकर सख्त हुई सरकार

बिहार सरकार के स्तर पर कार्मिकों की सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संग्रहित करने की नीति पर तेजी से काम कर रही है। इसके तहत राज्य सरकार ने एक विशेष “सेवा इतिहास पोर्टल” तैयार किया है, जहां पर प्रत्येक अधिकारी को अपनी नियुक्ति, स्थानांतरण, पदोन्नति, दंडात्मक कार्यवाही सहित सभी प्रशासनिक सूचनाएं अपलोड करनी होती हैं। लेकिन 15 अधिकारियों द्वारा इस प्रक्रिया की अनदेखी किए जाने को लेकर विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है।

एक सप्ताह में जवाब नहीं देने पर हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई

सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि ये अधिकारी एक सप्ताह के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (disciplinary action) की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है। विभाग का कहना है कि यह न केवल वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना है, बल्कि प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन भी है।

इस संदर्भ में विभाग ने साफ किया है कि अब यह 15 अधिकारियों के लिखित जवाबों पर निर्भर करेगा कि उनके खिलाफ आगे कठोर कार्रवाई की जाएगी या केवल चेतावनी देकर मामले को बंद किया जाएगा।

किन-किन अधिकारियों को मिला नोटिस?

जिन अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
सुशील कुमार, मनोज कुमार, अखिलेश कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राकेश कुमार झा, प्रमोद कुमार, गयन कुमार राम, सूरज कुमार सिन्हा, रेणु कुमारी, उत्तम कुमार, सुधीर कुमार, दुष्यंत कुमार, दीप शिखा और आरूप।

इन सभी अधिकारियों को 19 मई को होने वाले अपडेशन कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।

विभागीय पत्र में क्या कहा गया?

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है:

“बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा सेवा इतिहास पोर्टल को अपडेट नहीं किया गया है। यह वरिष्ठ पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना है और अनुशासनहीनता का प्रमाण भी।”

इस बयान से स्पष्ट है कि अब सरकार डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।

डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम

यह पूरी प्रक्रिया बिहार सरकार की e-Governance नीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत राज्य में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, जवाबदेह और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। यह पहल न केवल सूचना के डिजिटल संग्रहण को बढ़ावा देती है, बल्कि फ्रॉड और डुप्लिकेशन की संभावनाओं को भी कम करती है

जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार का स्पष्ट संदेश

इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि बिहार सरकार अब प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर पहले से कहीं अधिक सजग है। अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे डिजिटल माध्यमों का प्रयोग कर समय पर जानकारी अपडेट करें, ताकि प्रशासनिक निर्णयों में दृढ़ता और प्रमाणिकता बनी रहे।

यदि यह उदाहरण अन्य विभागों में भी अपनाया गया, तो भविष्य में लंबे समय तक कागजी कार्रवाई पर निर्भरता कम होगी, और राज्य प्रशासन और अधिक डिजिटल और उत्तरदायी बन सकेगा।

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