Bihar News : मंगनी लाल मंडल निर्विरोध बने राजद के प्रदेश अध्यक्ष, तेजस्वी बोले- ‘पहली बार किसी पार्टी ने ऐसा किया है’
Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की पार्टी अति पिछड़ा वर्ग के वोटों पर काफी फोकस कर रही है। धानुक समाज से आने वाले मंगनीलाल मंडल निर्विरोध राजद के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। जिसके बाद उन्हें खूब शुभकामनाएं मिल रही हैं। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मंगनी लाल को बधाई दी और नवनिर्वाचित मंगनी लाल मंडल को अपने हाथों से मिठाई खिलाई। इस मौके पर पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पहली बार कोई अति पिछड़ा व्यक्ति किसी राजनीतिक दल का प्रदेश अध्यक्ष बना है। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में पहली बार किसी पार्टी ने “अति पिछड़ा वर्ग” से प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। नेता प्रतिपक्ष ने लिखा कि राजद में पहले भी अनुसूचित जाति वर्ग, मुस्लिम वर्ग, पिछड़ा वर्ग और उच्च वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। अब पिछड़ा वर्ग से आने वाले वरिष्ठ और अनुभवी समाजवादी नेता आदरणीय श्री मंगनीलाल मंडल जी को अध्यक्ष बनाया गया है। पहली बार किसी अति पिछड़े व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का गौरव राजद को मिला है।
राजद से पहले ऐसा किसी ने नहीं किया:
इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय जनता दल देश की पहली और एकमात्र पार्टी है जिसने अपने संगठन में दलितों और अति पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया है। हम जुबानी खर्च नहीं करते बल्कि सामाजिक न्याय की अवधारणा को जमीन पर उतारते हैं। हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि मंगनीलाल मंडल जी के नेतृत्व में प्रदेश राजद नई ऊंचाइयों को छुएगा।
जगदानंद सिंह की भी तारीफ की:
तेजस्वी यादव ने निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की भी तारीफ की। कहा कि उनका कार्यकाल सकारात्मक और गुणात्मक बदलाव के लिए हमेशा याद किया जाएगा। 85 वर्ष की उम्र में भी जिस परिश्रम, समर्पण, त्याग, अनुशासन और प्रतिबद्धता के साथ उन्होंने इस महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया, वह वर्णन से परे है।
नीतीश सरकार के अफसरों के बारे में उन्होंने यह कहा:
नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश सरकार और उसके अफसरों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अचेत मुख्यमंत्री और डीके टैक्स के कारण बिहार में प्रशासनिक अराजकता, अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनियमितता का आलम यह है कि अब अफसर जनप्रतिनिधियों का फोन भी नहीं उठाते हैं। जनता के सेवक ये अफसर इतने अहंकारी और निडर हो गए हैं कि विधायक, सांसद और मंत्रियों से अभिवादन का शिष्टाचार भी नहीं निभाते हैं। अचेत मुख्यमंत्री के कारण बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार, लापरवाही और लापरवाही के लिए कोई जवाबदेह नहीं है, कहीं कोई कार्रवाई नहीं होती। सब मिलकर गरीब राज्य के खजाने को लूट रहे हैं।