सीधी : 10 दिन पहले बना 4 करोड़ का पुल धराशायी, बाणसागर नहर पुल में 7 फीट गहरा गड्ढा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

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सीधीमध्यप्रदेश के सीधी जिले में करोड़ों की लागत से बना एक नवनिर्मित पुल रविवार को अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। रामपुर नैकिन क्षेत्र के बघवार गांव में बाणसागर नहर पर बना यह पुल महज 10 दिन पहले ही निर्माण के बाद जनता के लिए खोला गया था। रविवार सुबह करीब 9 बजे पुल के मध्य हिस्से में करीब 7 फीट गहरा गड्ढा हो गया, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि हादसे के समय कोई बड़ा वाहन या स्कूली बच्चे पुल पर नहीं थे, वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी।

10 दिन में ढह गया पुल

राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर स्थित यह पुल रीवा, सतना, सीधी और शहडोल जिलों को जोड़ने का प्रमुख मार्ग है। बाणसागर नहर पर बने इस पुल का निर्माण लगभग ₹4 करोड़ की लागत से किया गया था। इसे हाल ही में यातायात के लिए खोला गया था, लेकिन मात्र 10 दिनों में ही इसकी गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

स्कूली बच्चों की जान बाल-बाल बची

घटना के समय कुछ स्कूली बच्चे और बाइक सवार पुल से गुजरने ही वाले थे कि अचानक पुल के मध्य में धंसान हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यदि यह घटना कुछ मिनट बाद होती, तो कई जिंदगियों पर खतरा मंडरा सकता था। फिलहाल पुल को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है और पुलिस ने क्षेत्र की नाकाबंदी कर दी है।

पुल के दोनों किनारों में दरारें

पुल के सिर्फ मध्य भाग में ही नहीं, बल्कि उसके किनारों पर भी दरारें देखी गई हैं। इससे संपूर्ण पुल की संरचनात्मक मजबूती पर सवाल उठे हैं। घटना के बाद से NH-39 पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। परिवहन व्यवस्था बाधित होने से राहगीरों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीयों ने उठाए निर्माण पर सवाल

गांव के निवासी रामाधार यादव ने पुल निर्माण की गुणवत्ता को लेकर प्रशासन और निर्माण एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह पुल जल्दबाजी और लापरवाही में बनाया गया। अगर यह हादसा स्कूल समय के दौरान होता, तो बच्चों की जान पर बन आती।

प्रशासन ने दिए जांच के निर्देश

घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम शैलेश द्विवेदी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण में लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार को तुरंत मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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