CG Dhan Kharidi Fire: धान खरीदी के बीच बारदानों में रहस्यमयी आग, जांजगीर-चांपा और कवर्धा में लाखों का नुकसान, जांच की मांग तेज
CG Dhan Kharidi Fire : छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत के साथ ही चिंताजनक घटनाओं ने किसानों, अधिकारियों और राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। बीते 24 घंटों के भीतर दो जिलों में बारदाना जलने की रहस्यमयी घटनाओं ने सुरक्षा प्रबंधन और तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन स्थितियों के बाद धान खरीदी व्यवस्था की पारदर्शिता और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा तेज हो गई है।
जांजगीर-चांपा में 40 गठान बारदाना जलकर राख

पहली घटना जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ थाना क्षेत्र स्थित लगरा सेवा सहकारी समिति की है, जहां धान खरीदी केंद्र के सामने रखे 40 गठान नए बारदाने में अचानक आग भड़क उठी। इस भीषण आग से लाखों रुपये का बारदाना चंद ही मिनटों में राख में तब्दील हो गया। बताया जा रहा है कि इन्हें एक दिन पहले ही केंद्र परिसर से खाली कराया गया था। फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है, लेकिन घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों का कहना है कि आग बेहद संदिग्ध परिस्थितियों में लगी है।
कांग्रेसी विधायक का सरकार पर तीखा हमला
घटना के बाद क्षेत्रीय कांग्रेसी विधायक ब्यास कश्यप ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि खरीदी व्यवस्था बिना तैयारी के शुरू की गई है। उनका कहना है कि जब केंद्रों पर कर्मचारी आंदोलनरत हैं, तब लाखों रुपये की सामग्री को खुले में छोड़ना गंभीर लापरवाही है। उन्होंने यह भी कहा कि आग लगी है या लगाई गई है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह घटनाएं शुरुआत भर हो सकती हैं।
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कवर्धा में 500 बोरे जलकर खाक
दूसरी घटना कवर्धा जिले के पंडरिया क्षेत्र के कुंआमालगी गांव से सामने आई, जहां लगभग 500 भरे हुए धान बोरे आग की चपेट में आकर जल गए। ग्रामीणों ने समय रहते एकजुट होकर आग पर काबू पाया, जिससे बड़ा नुकसान होने से बचा लिया गया। यहां भी आग लगने के कारण स्पष्ट नहीं हैं, और लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस घटना से करीब 5 लाख रुपये की सामग्री नष्ट हो गई है।
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धान खरीदी शुरू, लेकिन सुरक्षा पर बड़ा सवाल
छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हो चुकी है। पहले दिन राज्य के 195 उपार्जन केंद्रों में 19,464 क्विंटल धान की खरीदी की गई। हालांकि इन घटनाओं के बाद खरीद केंद्रों की सुरक्षा, निगरानी और प्रबंधन मॉडल अब कठघरे में आ गया है।
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