Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, 23 आबकारी अधिकारियों ने EOW की विशेष अदालत में लगाई अग्रिम जमानत, नोटिस के बाद भी नहीं हुए हाजिर
Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित बी-पार्ट शराब घोटाले (B-Part Liquor Scam) की परतें खुलती ही जा रही हैं। इसी कड़ी में अब 23 आरोपी आबकारी अधिकारियों (Excise Officers) ने ACB/EOW की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत (Advance Bail) के लिए आवेदन किया है। अदालत इस याचिका पर 18 जुलाई 2025 को सुनवाई करेगी।
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नोटिस के बाद भी हाजिर नहीं हुए आरोपी
EOW ने घोटाले में संलिप्त 29 अधिकारियों को समन भेजकर पेश होने को कहा था, लेकिन गिरफ्तारी के डर से कोई भी अधिकारी कोर्ट में पेश नहीं हुआ। अब अदालत ने सभी आरोपियों को 20 अगस्त तक अनिवार्य रूप से हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है।
22 अधिकारी निलंबित, 7 रिटायर्ड भी घेरे में
इस घोटाले में अब तक 22 अधिकारी निलंबित (Suspended) किए जा चुके हैं, जिनमें सहायक जिला आबकारी अधिकारी (Assistant District Excise Officer) से लेकर उपायुक्त आबकारी (Deputy Commissioner Excise) तक शामिल हैं। इनके अलावा 7 रिटायर्ड अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं।
क्या है बी-पार्ट शराब घोटाला?
बी-पार्ट शराब घोटाला 2019 से 2023 के बीच का है। EOW की जांच के अनुसार, बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर प्रदेश के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों ने बिना टैक्स चुकाई देसी शराब (Country Liquor) को सरकारी दुकानों से समानांतर बेचा। डिस्टलरी (Distillery) से सीधे अवैध शराब की आपूर्ति कर, वैध शराब के साथ इसकी अवैध बिक्री की गई।
इस अवैध नेटवर्क में डिस्टलरी मालिक, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, आबकारी विभाग के अफसर-कर्मचारी और मैनपावर एजेंसी भी शामिल रहे। इस तरह 60 लाख पेटी से ज्यादा बी-पार्ट शराब बेची गई, जिससे करीब 3200 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई हुई।
पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर भी आरोप
इस घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा (Ex Minister Kawasi Lakhma) की भूमिका भी सामने आई है। EOW की रिपोर्ट के अनुसार, लखमा के संरक्षण में विभागीय अफसरों और ठेकेदारों ने इस घोटाले को अंजाम दिया। जांच में सामने आया कि लखमा को करीब 64 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ मिला।
अब तक 13 गिरफ्तारी, जांच जारी
अब तक अनिल टुटेजा (Anil Tuteja), अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) और अरुणपति त्रिपाठी (Arunapati Tripathi) समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। FIR में 70 आरोपी नामजद हैं। कोर्ट में अब तक चार पूरक चालान दाखिल किए जा चुके हैं।
EOW और ACB (Anti Corruption Bureau) की टीमें अभी भी सिंडीकेट कमीशन, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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