वसंत महिला महाविद्यालय में राजभाषा हिंदी पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन
तकनीक के युग में हिंदी का बढ़ता महत्व
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अलका सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि हिंदी न केवल भारत की राजकाज की भाषा है, बल्कि यह बदलते तकनीकी युग में रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही है। प्रो. सिंह ने जोर देकर कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान करते हुए हमें हिंदी को और अधिक बढ़ावा देना चाहिए, ताकि यह और अधिक लोगों के लिए उपयोगी बन सके।
विश्व में हिंदी की लोकप्रियता
हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. मीनू अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी भाषा की लोकप्रियता न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप हिंदी भाषा के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रति बढ़ता आकर्षण इसे एक वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित कर रहा है।
हिंदी में रोजगार के अवसर
केंद्रीय संचार ब्यूरो, वाराणसी के सहायक निदेशक डॉ. लालजी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भाषा हमारे विचारों, भावनाओं, ज्ञान और अनुभवों को व्यक्त करने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। हिंदी में दक्षता रखने वालों के लिए आज कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि हिंदी समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, रेडियो आदि में पत्रकार, रिपोर्टर और एंकर के रूप में काम करने के अवसर हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, उपक्रमों और बैंकों में राजभाषा हिंदी अधिनियम के तहत राजभाषा अधिकारी के पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में हिंदी शिक्षकों की मांग भी लगातार बनी हुई है। डॉ. लालजी ने यह भी बताया कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली मंच बन गया है, जहां हिंदी भाषा में दक्ष लोग कंटेंट क्रिएशन, डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
छात्राओं का योगदान और साहित्यिक गतिविधियां
कार्यक्रम में एम.ए. हिंदी की छात्रा ईशा सिंह ने “सदी के अंत में हिंदी” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। वहीं, छात्रा शिवांगी ने अपनी कविता के माध्यम से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। हिंदी विभाग द्वारा हिंदी उत्सव के तहत विभिन्न साहित्यिक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

उपस्थित गणमान्य और धन्यवाद ज्ञापन
इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकगण संतोष मिश्र, सौरभ सिंह, अपराजिता शांडिल्य, पल्लवी, भामिनी और अंशिका उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन करते हुए डॉ. किरण तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी अपनी भाषा है, जो हमें आत्मविश्वास देती है। इसके माध्यम से हम देश और विदेश में अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेश चौधरी ने किया। उन्होंने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों के विचारों को सुचारू रूप से प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह संवाद कार्यक्रम हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके रोजगार के अवसरों को उजागर करने में सफल रहा।