बेईमानी-धोखाधड़ी कर सरकारी भूमि को ट्रांसफर कराया, अब फंसे जिला अवर निबंधक, होगी कार्रवाई

Ranchi: बेईमानी और धोखाधड़ी कर गैर हस्तांतरणीय जमाबंदी रैयत भूमि, सरकारी भूमि को गलत तरीके से ट्रांसफर कराने के आरोप में तत्कालीन जिला अवर निबंधक देवघर, राम कुमार मधेशिया अब फंस गये हैं. सरकार ने उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए विभागीय कार्यवाही चलाने का फैसला लिया है. मधेशिया वर्तमान में जमशेदपुर में जिला अवर निबंधक के पद पर कार्यरत हैं. उनके विरूद्ध देवघर उपायुक्त ने 5 अप्रैल 2025 को ही आरोप पत्र तैयार कर कार्रवाई की अनुशंसा किया था.
संथालपरगना एक्ट का किया उल्लंघन
देवघर जिला अवर निबंधक के पद पर हते हुए वर्ष मई 2011 से फरवरी 2012 के दौरान लोक सेवक के पद पर रहते हुए राजस्व से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों के साथ मिलकार बेईमानी एवं धोखाधड़ी से देवघर जिला के अंतर्गत गैर-हस्तांतरणीय जमाबंदी रैयत भूमि, सरकारी भूमि को गलत तरीके से तैयार कागजातों को प्रतिस्थापित कर ट्रांसफर का आरोप है. सरकार का मानना है कि इससे संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम, संथाल परगना कास्तकारी पूरक अधिनियम 1949, संथाल परगना विनियमन आदि के प्रावधानों का घोर उल्लंघन भी किया गया है. इस वजह से झारखंड सरकार को नुकसान भी पहुंचा, राजस्व की भी क्षति हुई.
ये अधिकारी करेंगे जांच
पूरे मामले पर विभागीय स्तर पर समीक्षा की गयी. अधिकारियों ने बताया कि उक्त आरोप पत्र में गठित आरोपों की जांच के लिए राम कुमार मधेशिया के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया गया है. विभागीय कार्यवाही संचालन के लिए सेवानिवृत आइएएस अधिकारी इकबाल अंसारी को जांच संचालन पदाधिकारी नियुक्त कयाग या है. अपर समाहर्ता देवघर को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बनाया गया है. मधेशिया से 15 दिनों के अंदर लिखित बचाव बयान भी मांगा गया है. इस संबंध में राजस्व, निबंधन भूमि सुधार विभाग ने अधिसूचना जारी कर दिया है. जांच रिपोर्ट के बाद सरकार अग्रतर कार्रवाई करेगी.