नहर में पानी नहीं आने से धान की खेती पर गहराने लगा संकट,फिर भी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत धानरोपनी शुरू

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कृषि प्रधान क्षेत्र वारिसलीगंज में मंगलवार से गांव के कुछ किसानों ने पम्पिंगसेट के माध्यम से धान की रोपनी शुरू की है। पर्याप्त वर्षा के अभाव एवं नहर में पानी की कमी की बीच ठेरा गांव के किसानों ने प्रथम दिन करीब 10 एकड़ खेतों में धान की रोपनी की है।ग्रामीण सह सरपंच सुबोध सिंह ने कहा कि अभी तक वर्षा की कमी, बिजली की आंख मिचौनी तथा मात्र दो दिन में पौरा पूर्वी नहर में पानी का सूख जाना, किसानों के लिए परेशान का सबब बन गया है। धान का कटोरा कहा जाने वाले वारिसलीगंज के किसानों को जब जरूरत हुई तो धान रोपनी के लिए पानी की अनुपलब्धता हो रही है। वैसे मंगलवार को कई पंचायतो में ग्रामता पूजा आषाढ़ी पूजा के बाद मंजौर,कोचगांव,मय,हाजीपुर आदि गांवों में धान की रोपनी गति पकड़ेगी। बता दें कि प्रखंड में ठेरा पंचायत के ठेरा गांव के किसान खेती किसानी में अव्वल हैं।जबकि उनके खेतों तक नहरी पानी नहीं पहुंच पाता है, बावजूद हर वर्ष सबसे पहले धान की रोपनी ठेरा में ही शुरू होती है।ग्रामीण सह अग्रणी कृषक लाल सिंह ने बताया कि शुरुआती दौर में खेतों में पानी करने में परेशानी होती है। परंतु मजदूर आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। सोमवार को लाल सिंह ने अपने करीब 10 एकड़ खेतों में कादो कर धान की रोपनी शुरू की है। बताया गया कि मंगलवार से गांव के अन्य कई किसान वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खेत में पानी कर रोपनी प्रारंभ करेंगे। किसान कहते हैं कि जब जरूरत हुई है तो जोरदार वर्षा नहीं होती है।

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