UP Outsourcing: आउटसोर्स पर काम कर रहे लाखों कार्मिकों के लिए खुशखबरी,
हाइलाइट्स
- आउटसोर्स पर काम कर रहे लाखों कार्मिकों के लिए खुशखबरी
- ईपीएफ, ईएसआई, बीमा और पेंशन का लाभ
- न्यूनतम वेतन 20,000 रुपये या उससे अधिक
UP Outsourcing: उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए आखिरकार अच्छे दिन आने वाले हैं। लंबे समय से शोषण और अनिश्चितता का सामना कर रहे इन कार्मिकों को अब राहत मिलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का प्रस्ताव अंतिम चरण में है, जिसके बाद इन कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे।
क्या है नया प्रस्ताव
सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव पर परामर्शी विभागों ने अपनी सहमति दे दी है। इस नए निगम का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना और उनके लिए बेहतर कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करना है।
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मिलेंगे ये बड़े फायदे
- ईपीएफ, ईएसआई और बीमा
निगम कार्मिकों के भविष्य निधि (EPF), कर्मचारी राज्य बीमा (ESI), सामान्य बीमा और चिकित्सा भत्ते का प्रबंधन करेगा। इससे कर्मचारियों को सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
- समय पर मानदेय
- हालांकि मानदेय का भुगतान आउटसोर्स एजेंसियां ही करेंगी, लेकिन निगम यह सुनिश्चित करेगा कि पूरा मानदेय समय पर सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में जमा हो।
- नौकरी की सुरक्षा
- अब आउटसोर्स एजेंसियां अपनी मनमर्जी से किसी भी कर्मचारी को हटा नहीं सकेंगी। यह एक बड़ा कदम है जो कर्मचारियों को नौकरी की अनिश्चितता से मुक्ति दिलाएगा।
- भर्तियां सेवायोजन पोर्टल से
- चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में आउटसोर्स भर्तियां सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
- अवकाश और चिकित्सा सुविधा
- कर्मचारियों को 12 आकस्मिक अवकाश और 10 चिकित्सीय अवकाश मिलेंगे।
- दुर्घटना बीमा
- कार्मिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिजनों को बैंक के माध्यम से लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी, जिसके लिए कर्मचारियों को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
- न्यूनतम वेतन और पेंशन
- न्यूनतम वेतन 20,000 रुपये या उससे अधिक होने की उम्मीद है। साथ ही, 1,000 रुपये से लेकर 7,500 रुपये तक पेंशन दिए जाने का भी प्रस्ताव है।
- सेवानिवृत्ति की आयु
- कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र तक आउटसोर्स की नौकरी कर सकेंगे।
अंतिम चरण में पूरी प्रक्रिया
परामर्शी विभागों से सुझाव मिलने के बाद, सचिवालय प्रशासन विभाग अब प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लेगा। इसके बाद इसे मुख्यमंत्री के अवलोकनार्थ भेजा जाएगा और उनकी सहमति के बाद कैबिनेट के समक्ष अंतिम स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। यह कदम उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है, जिससे उन्हें शोषण से मुक्ति मिलेगी और एक सुरक्षित तथा सम्मानजनक भविष्य की नींव रखी जा सकेगी।
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