हरियाणा सरकार ने बढ़ाई निगमायुक्तो की शक्तियां, अब 1 करोड़ के विकास कार्यों को दे सकेंगे मंजूरी
चंडीगढ़ | हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए नगर निगम आयुक्तों की शक्तियों में इजाफा कर दिया है. निगमायुक्त अब 1 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों को मंजूरी दे सकेंगे. अब तक निगमायुक्तों को केवल 50 लाख तक के विकास कार्यों को ही मंजूरी प्रदान करने का अधिकार था.
अधिसूचना हुई जारी
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता ने 2 साल पुरानी नीति में बदलाव करते हुए नई नीति की अधिसूचना जारी कर दी है. अगर तकनीकी शाखा के अधिकारों की बात करें तो उसमें ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है.
एक करोड़ रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के अनुमानों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार नगर निगम की वित्त कमेटी के पास रहेगा. दस करोड़ से 25 करोड़ तक के कामों के लिए विभाग के मंत्री व मुख्य अभियंता और 25 करोड़ से अधिक के के लिए मुख्यमंत्री व मुख्य अभियंता को अधिकार दिए गए हैं.
इससे पहले साल 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शहरों की छोटी सरकार के लिए सत्ता का विकेंद्रीयकरण करने की कड़ी में एक ओर बड़ी पहल की थी. उन्होंने राज्य में नगर निगमों के मेयर को जूनियर इंजीनियर (जेई) सहित ग्रुप C और D के लापरवाह और भ्रष्ट कर्मचारियों को सस्पेंड करने की पावर दी थी. इसके अलावा उन्होंने मेयरों के लिए विकास कार्यों हेतु प्रशासनिक स्वीकृति को ढाई करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की घोषणा भी की थी.