संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में माननीय कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा जी के दो वर्ष के यशस्वी कार्यकाल का अभिनन्दन समारोह
कुलपति जी की प्रमुख उपलब्धियां
प्रो. बिहारी लाल शर्मा जी ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- स्वच्छ और स्वस्थ परिसर: विश्वविद्यालय परिसर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए।
- संस्कृत महाविद्यालयों को नई दिशा: संस्कृत महाविद्यालयों के विकास और आधुनिकीकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य किए गए।
- परीक्षाओं का समयबद्ध संचालन: शास्त्री और आचार्य की परीक्षाओं को समय पर आयोजित कर पिछड़े सत्र को नियमित किया गया।
- विकास समिति का गठन: वाराणसी के उद्योगपतियों को जोड़कर विकास समिति का गठन किया गया, जिससे विश्वविद्यालय के विकास को नई दिशा मिली।
- आधुनिक सुविधाएं: अध्यापकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए नवीन दरिया, उत्कृष्ट टेबल-कुर्सी, बड़ा आरो प्लांट, वॉटर कूलर, आधुनिक डस्टबिन और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं।
विकास की योजनाएं
कुलपति जी ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नवीन सड़क निर्माण: परिसर की जर्जर सड़कों का नवीनीकरण कर नई सड़कों का निर्माण।
- सीवर और विद्युत तारों का नवीनीकरण: सीवर पाइपलाइन और विद्युत तारों को आधुनिक बनाया गया।
- आधुनिक अतिथि गृह: शताब्दी भवन अतिथि गृह का नवीनीकरण और एक भव्य आधुनिक अतिथि भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर।
- रोजगारपरक पाठ्यक्रम: ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण और मंदिर प्रबंधन जैसे कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए गए, जो विद्यार्थियों को रोजगार के लिए सक्षम बनाते हैं।
कुलपति जी का आभार संदेश
इस अवसर पर प्रो. बिहारी लाल शर्मा जी ने विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मेरे लिए देववाणी संस्कृत का संरक्षण और संवर्धन ही मेरा संकल्प है। इसके लिए मैं प्रत्येक क्षण समर्पित रहूंगा। विश्वविद्यालय परिवार, महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, काशी के संभ्रांत नागरिकों और उद्योगपतियों का निरंतर सहयोग और संरक्षण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए मैं सदा आभारी रहूंगा।”
यह समारोह विश्वविद्यालय के उज्ज्वल भविष्य और प्रो. शर्मा जी के नेतृत्व में निरंतर प्रगति का प्रतीक रहा।