नागदोष से मुक्ति का अद्भुत स्थान! कैसे दारुक राक्षस की कैद से जुड़ा है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास?, दर्शन मात्र से ही खत्म हो जाता है कालसर्प दोष!
Nageshwar Jyotirlinga : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग जिसे द्वादश ज्योतिर्लिंगों में दसवां स्थान प्राप्त है जहां दर्शन करने से मिल जाती है नागदोष से मुक्ति, आइए जानते हैं 10वें ज्योतिर्लिंग की रोचक बातें
भारत महान कथाओं और पौराणिक किवदंतियो का देश है। यहां भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग विशेष रूप से प्रचलित है।इन्हीं द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में दसवां स्थान है।
इस मंदिर के गुजरात राज्य में गोमती द्वारका के बीच दारूकावन क्षेत्र में प्रामाणिक स्थान होने की मान्यता अधिक है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग होने के दावे अन्य दो स्थानों पर भी किये जातें है। उनमें से एक आँध्रप्रदेश के अवढा गांव मे माना जाता है। दूसरा स्थान उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सत्रह मील दूर जोगेश्वर नामक तीर्थ बताया जाता है। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति में भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को दारूकावन क्षेत्र में ही वर्णित किया गया है। कहा जाता है कि जो भी इसकी उत्पत्ति के माहात्म्य को प्रेमपूर्वक सुनेगा और इसके दर्शन करेगा, वह सभी पापों से मुक्त होकर समस्त सुखों को भोगता हुआ अंततः परमपद को प्राप्त होगा।
पौराणिक कथा अनुसार
Nageshwar Jyotirlinga : एक समय की बात है जब सुप्रिया नामक एक शिव भक्त नाव पर तीर्थ यात्रियों के साथ यात्रा कर रहा था। उसी वक्त एक दारुक नामक राक्षस ने उनको बंदी बनाकर अपनी राजधानी दारुकवना में कैद कर लिया। जहां बंदीगृह में राक्षस ने उसे मारने की चेष्टा की तब भगवान शिव ने वहां प्रकट होकर उनकी रक्षा की। तब से ये ज्योतिर्लिंग वहां स्थापित हो गया।
दर्शन का समय
Nageshwar Jyotirlinga : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सुबह 4:30 बजे दर्शन के लिए खुलता है और 12:30 बजे तक भक्त यहां भगवान के दर्शन कर सकते हैं। सुबह के समय भक्त भोले नाथ के शिवलिंग पर दूध अर्पण करते हैं। इसके बाद मंदिर शाम के 5 बजे खुलता है और 9:30 तक खुला रहता हैं। इसी समय के दौरान मंदिर में आरती की जाती हैं।
हवाई जहाज द्वारा : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है, तो हम आपको बता दें कि सबसे निकटतम जामनगर एयरपोर्ट यहां से लगभग 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आप स्थानीय साधनों की मदद से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग आसानी से पहुंच जाएंगे।
रेल मार्ग : यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन द्वारिका का है। यहां से आप स्थानीय साधनों से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुँच जाएंगे।