जल्दबाजी में एसीबी कन्फ्यूज, उत्पाद भवन पर दबिश, गिरफ्तार करना था सुधीर कुमार को, उठा ले गए सुधीर दास को

0

 

Ranchi: झारखंड की खबरें पहले केंद्रीय एजेंसियों की दबिश की वजह से पढ़ी जाती थी. लेकिन अब बीते एक दिन से झारखंड की जांच एजेंसी एसीबी मतलब एंटी करप्शन ब्यूरो की वजह से पढ़ी और देखी जा रही है. बीते दिन एंटी करप्शन ब्यूरो ने झारखंड के सीनियर आईएएस विनय चौबे को, जो कभी मुख्यमंत्री के सचिव के पद पर बहाल थे, साथ ही झारखंड के कई अहम  विभागों का जिम्मा इनके पास था, उन्हें झारखंड की ही एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. किसी ने शायद ही यह सोचा होगा कि ऐसा भी कारनामा झारखंड में दिखने को मिलेगा. लेकिन ऐसा हुआ. अब इस घटना के बाद एसीबी इतनी रेस है कि वह लगातार गिरफ्तारी का दौर जारी रख रही है. बता दें कि झारखंड एसीबी ने विनय चौबे के साथ संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया है. आरोप 38 करोड रुपये के राजस्व नुकसान का है, बहरहाल यह घटना चार साल पुरानी है, और झारखंड सरकार समेत एसीबी की नींद अब खुली है.

सुधीर नाम होना ही हो गया गुनाह

झारखंड उत्पाद विभाग के वित्त विभाग में काम करने वाले सुधीर कुमार उस वक्त काफी सक्रिय थे, जब विनय चौबे विभाग के सचिव और कमिश्नर के पद पर कायम थे. यहां बताते चलें कि सुधीर कुमार आज से कई महीने पहले ही रिटायर हो चुके हैं. वह सेवा निवृत्ति का लाभ उठा रहे हैं. संयोगवश उनकी जगह पर सुधीर दास उसी पद पर पदस्थापित हो गए. दोनों के नाम में सुधीर रहने की वजह से एसीबी को बड़ा कंफ्यूजन हो गया और जल्दबाजी में एसीबी ने सुधीर कुमार की जगह सुधीर दास को अपने हिरासत में ले लिया, और पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय ले जाया गया.

Leave A Reply

Your email address will not be published.