पंचायत सचिव सुखलाल के सुसाइड केस में सीपी चौधरी और जयराम महतो के अनुरोध पर मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने दिया जांच कराने का आदेश
Ranchi: गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी ने गिरिडीह के एक पंचायत सचिव सुखलाल महतो द्वारा आत्महत्या किये जाने पर गहरी नाराजगी जताई है. इस मामले की जांच के अलावा सुखलाल के लिए न्याय की भी मांग की है. कहा है कि बीते दिन डुमरी प्रखंड परिसर में बालथारिया के पंचायत सेवक सुखलाल महतो के द्वारा डुमरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित अन्य तीन लोगों से मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर कीटनाशक गोली खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया गया. आनन-फानन में उन्हें रांची स्थित रिम्स अस्पताल में भर्ती किया गया जहां ईलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।स्वर्गीय सुखलाल महतो एक ईमानदार पंचायत सेवक थे. दुर्भाग्यवश सरकार के भ्रष्ट तंत्र एवं कुव्यवस्था के आगे उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा. सीपी ने सरकार से मांग करते कहा कि स्व सुखलाल महतो प्रकरण की जांच के लिए एक निष्पक्ष कमिटी का गठन हो. उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाये। आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कारवाई कर सुखलाल और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में संवेदनशीलता सरकार दिखाए.
इससे पूर्व ईलाज के लिए रिम्स, रांची लाए जाने पर सीपी ने सुखलाल के सेहत की जानकारी डॉक्टर्स से ली थी. कहा था कि बेलगाम सरकारी तंत्र, बढ़ती आपराधिक वृत्ति, प्रशासनिक अधिकारियों की नाकामी, रिश्वतखोरी, साथ ही संवेदनहीन और गैरजरूरी बर्ताव की वजह से एक और युवक को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर विवश होना पड़ा. बालथारिया के पंचायत सेवक सुखलाल महतो के द्वारा डुमरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित अन्य तीन लोगों से मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर कीटनाशक गोली खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया गया. वे अभी रांची के रिम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जुझ रहे हैं.
सुखलाल का गुनाह सिर्फ़ इतना था कि वो भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारियों के मांगों के समर्थन में नहीं था। आखिर किस वजह से पंचायत सेवक पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा था, क्या उन्हें कोई भ्रष्टाचार या कोई अनैतिक कार्य करने बोला गया? मना करने पर उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी? उन्होंने अपने सुसाइड नोट में बी.डी.ओ, डुमरी सहित अन्य तीन लोगों के द्वारा प्रताड़ित करने और उन पर दबाव बनाने ज़िक्र किया है। यह पूरा मामला एक नेक जिम्मेदार इंसान को अनैतिक कार्यों को करने हेतु प्रेरित करने की कारणों से आत्महत्या की हद तक प्रताड़ित करने से ज़्यादा एक पूरे परिवार को समाप्त करने का भी है. सीपी के मुताबिक, जब उन्होंने स्वयं उस सुसाइड नोट को पढ़ा तो पाया कि डुमरी के बीडीओ द्वारा सुखलाल पर इतना दबाव डाला जा रहा था और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी कि वो पूरी तरह से परेशान हो चुके थे. यह स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी थी कि सुखलाल आत्महत्या जैसे मजबूर कदम उठाने पर मजबूर हो गए. इस पूरे मामले ने प्रखंड विकास पदाधिकारी और अधिकारी कठपुतली बन चुके अफ़सरों की निरंकुशता को बेनक़ाब किया है. लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी विचारधारा के अनुरूप किसी भी संवैधानिक कार्य के समर्थन और विरोध का अधिकार है, लेकिन किन्हीं को इस प्रकार से मानसिक दबाव बनाना कि वो आत्महत्या जैसा कदम उठाए, यह काफी निंदनीय कृत्य घटना हैं.
जयराम ने भी की जांच की मांग
सुखलाल द्वारा आत्महत्या का प्रयास किये जाने के मामले की जांच कराने का आग्रह ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह से विधायक जयराम महतो ने भी किया है. इस संबंध में उन्हें चिट्ठी भी लिखी है. इसके बाद दीपिका पांडेय ने इस मामले की पड़ताल करने का निर्देश गिरिडीह डीसी को दिया है. साथ ही दोषियों के विरुद्ध एक्शन लेने को कहा है। जयराम ने पत्र में कहा है कि डुमरी ब्लॉक (गिरिडीह) अंतर्गत बलथरिया पंचायत सचिव सुखलाल महतो ने प्रखंड परिसर में आत्महत्या करने का प्रयास किया है. इससे पूर्व सुखलाल ने उनके नाम पर एक आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने इस कृत्य के लिए बीडीओ डुमरी तथा तीन अन्य द्वारा मानसिक रूप से प्रताडित किये जाने की बात कही है. एक आम आदमी के लिए विधि व बजट से परे थाना, अंचल व प्रखंड का विशेष महत्व होता है। गांव व पंचायतों का विकास प्रखंड से होकर गुजरता है. ऐसे में एक बुजुर्ग कर्मचारी द्वारा व्यवस्था से थक हार कर ब्लॉक परिसर में आत्महत्या का प्रयास लोकतंत्र और मानवीय मूल्यों पर घात करता है. पीडित द्वारा उठाया गया यह कदम ब्लॉक में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है. जयराम ने विभागीय मंत्री से इस।केस की विभागीय जांच कराने की अपील करने के अलावा दोषियों पर विधिसम्मत कार्रवाई करने की भी मांग की है.
मामला गंभीर: दीपिका
जयराम के पत्र पर दीपिका ने कहा कि डुमरी प्रखंड के बलथरिया पंचायत के सचिव सुखलाल महतो द्वारा आत्महत्या का प्रयास अत्यंत गंभीर मामला है. गिरिडीह डीसी से दीपिका ने श्री महतो के इलाज के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के साथ ही मामले की गहराई से जांच कर दोषियों की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है.