झज्जर | हमारे देश में कई ऐसी जगहें हैं, जिनसे जुड़ी आस्थाएं और मान्यताएं सालों से लोगों के विश्वास का केंद्र रही हैं. हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव में स्थित एक तालाब भी कुछ ऐसी ही मान्यता को लेकर प्रसिद्ध है. इस तालाब को पीलिया जोहड़ के नाम से जाना जाता है और ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से मुक्ति मिल जाती है. यह स्थान बहादुरगढ़ तहसील में आता है और दूर- दराज से श्रद्धालु यहां आकर इस जोहड़ में स्नान करते हैं.
पौराणिक मान्यता
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, पौराणिक पात्र श्रवण कुमार अपने माता- पिता के साथ इस स्थान पर आए थे और यहां एक पेड़ की छांव में विश्राम किया था. तभी से इस स्थान को पुण्य और चमत्कारों का केंद्र माना जाता है. श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तालाब में स्नान करने से पीलिया रोग दूर हो जाता है. तालाब के समीप ही श्रवण कुमार का मंदिर भी स्थित है, जो श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है.
इस विधि का करना होता है पालन
यहां स्नान करने से पहले एक खास प्रक्रिया अपनाई जाती है. सबसे पहले एक गिलास पानी पीना होता है, उसके बाद तालाब में स्नान किया जाता है. स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करना अनिवार्य होता है. मंदिर में हल्दी की गांठ, कोयला, चने की दाल और बताशे चढ़ाए जाते हैं. साथ ही, तालाब से एक बोतल में पानी और कुछ मिट्टी लेकर जाना होता है. इस पानी और मिट्टी को अपने घर के नहाने के पानी में मिलाकर कुछ दिन स्नान करने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि इन उपायों को अपनाने से पीलिया रोग से छुटकारा मिल सकता है.
डिस्क्लेमर : यह जानकारियां सोशल मीडिया से प्राप्त विभिन्न स्रोतों से ली गई है. Dailynews7 इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है.