Indian Oil Pump: हरियाणा में पेट्रोल पंप खोलने का सुनहरा मौका, फटाफट करें आवेदन
Indian Oil Pump: पेट्रोलियम क्षेत्र की महारत्न कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने हरियाणा के अलग-अलग स्थानों पर नए रिटेल आउटलेट्स (पेट्रोल/डीजल पंप) खोलने के लिए जमीन की आवश्यकता को लेकर विज्ञापन जारी किया है.Indian Oil Pump
यह विज्ञापन सिर्फ जमीन की खरीद या दीर्घकालिक लीज (कम से कम 19 साल 11 महीने, और प्राथमिकता से 30 साल) के लिए है. इसका मतलब यह है कि इंडियन ऑयल कम से कम 19 साल 11 महीने और प्राथमिकता के आधार पर 30 साल तक जमीन लीज पर ले सकती है.Indian Oil Pump
इंडियन ऑइल की तरफ से ये भी साफ किया गया है कि यह विज्ञापन किसी भी प्रकार की डीलरशिप के लिए नहीं है.
रिटेल आउटलेट खोलने की योजना
आपको बता दें कि IOCL की ओर से रिटेल आउटलेट खोलने की योजना है और इसके लिए इच्छुक जमीन मालिकों से सीलबंद निविदाएं (Bids) आमंत्रित की गई हैं.
कैसे करें प्रस्ताव का आवेदन ?
इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएं जिनके पास वैध और क्लियर मार्केटेबल टाइटल वाली जमीन है (स्वामित्व उनके पास होना चाहिए), वे अपनी तकनीकी जानकारी और वित्तीय प्रस्ताव दो अलग लिफाफों में बंद कर एक लिफाफे में रखकर निम्नलिखित पते पर 6 जुलाई 2025, शाम 5:00 बजे तक आवेदन भेज सकते हैं.पते अनुसार आवेदन की जानकारी:
आवेदनकर्ता IOCL की वेबसाइट से विस्तृत दिशानिर्देश और फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं.
जरूरी निर्देश:
यह आवेदन केवल जमीन की पेशकश के लिए है, ना कि डीलरशिप के लिए.
आवेदनकर्ता को जमीन का स्पष्ट स्वामित्व और दस्तावेज पेश करने होंगे.
आवेदन डाक या व्यक्तिगत रूप से दिए गए पते पर जमा करना होगा.
लीज पर जमीन देन से कैसे होगी कमाई ?
अगर कोई व्यक्ति इंडियन ऑयल जैसी कंपनी को अपनी जमीन लीज पर देता है, तो उसकी कमाई के मुख्य दो तरीके होते हैं:
1. मासिक किराया (Lease Rent):
इंडियन ऑयल जैसी कंपनियां आमतौर पर लीज पर ली गई जमीन के बदले मासिक किराया (रेंट) देती हैं.
यह किराया पहले से तय होता है और लीज एग्रीमेंट में लिखा जाता है.
किराये की राशि कई बार प्रति वर्ग मीटर या प्रति वर्ग फीट के हिसाब से तय होती है.
उदाहरण:
अगर आपकी जमीन 5,000 वर्ग फुट है और कंपनी ₹30 प्रति वर्ग फुट प्रति माह देती है, तो आपको हर महीने ₹1,50,000 की आय होगी.
2. लीज एग्रीमेंट की अवधि और रिविजन:
लीज एग्रीमेंट आमतौर पर 19 साल 11 महीने या 30 साल के लिए होता है, और कुछ मामलों में renewal का विकल्प भी दिया जाता है.
हर 3 से 5 साल में किराया बढ़ाने (rent escalation) की शर्त होती है- जैसे 10% या 15% बढ़ोतरी