Indore MY Rat Bite Case: MY अस्पताल चूहा कांड पर HC में रिपोर्ट पेश, शासन बोली नवजातों की मौत रेट बाइट से नहीं हुई

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हाइलाइट्स

  • इंदौर एमवाय अस्पताल में नवजातों की मौत का मामला
  • हाईकोर्ट ने पेस्ट कंट्रोल और सुरक्षा सुधार के निर्देश दिए
  • परिवारों को आर्थिक सहायता और जिम्मेदारों पर कार्रवाई

Indore MY Rat Bite Case: 

इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के काटने के बाद दो नवजातों की मौत के मामले ने प्रशासन और हाईकोर्ट की संवेदनशीलता को झकझोर दिया। इस गंभीर मामले की सुनवाई इंदौर हाईकोर्ट में हुई, जिसमें शासन की ओर से विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि दोनों नवजातों की मौत रेट बाइट (चूहों के काटने) से नहीं हुई, बल्कि उनके अन्य अंग पूरी तरह विकसित नहीं थे और उन्हें अन्य बीमारियां भी थीं।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और शासन की विस्तृत जानकारी 

इंदौर हाईकोर्ट में शासन की ओर से विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई है

धार निवासी दंपती के नवजात की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि मौत का कारण चूहों के काटने से नहीं था। इसके साथ ही शासन की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि पेस्ट कंट्रोल कंपनी एजाइल को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।

हाईकोर्ट का रुख और सुधारात्मक कदम

हाईकोर्ट ने इस मामले को मौलिक अधिकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला माना और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सुझाव दिए गए:

नवजातों से संबंधित PICU और NICU यूनिट्स को सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए।

स्थानांतरण के दौरान इन यूनिट्स में फ्यूमीगेशन और पेस्ट कंट्रोल किया जाए।

सभी जिम्मेदार अधिकारियों को शासन द्वारा जारी गाइडलाइन और पैरामीटर्स का पालन अनिवार्य किया जाए।

घटना की टाइमलाइन 

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नवजातों को इन्हीं इंक्यूबेटर में रखा गया था जिसेक बाद चूहों ने उनके हाथ कुतर दिए थे
घटना क्रम तारीख और समय विवरण
पहली घटना 30 अगस्त, सुबह 4 बजे NICU में चूहों ने नवजात के हाथ कुतर दिए।
दूसरी घटना 31 अगस्त, रात 10:30 बजे NICU में दूसरी नवजात को भी नुकसान।

रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि जिन कर्मचारियों की उपस्थिति में चूक हुई, वे जिम्मेदार हैं, साथ ही जिन्होंने घटना की रिपोर्ट नहीं की, उनकी भी गलती है।

प्रारंभिक प्रशासनिक कार्रवाई

विभाग/कर्मी कार्रवाई
एजाइल सिक्योरिटी कंपनी प्रारंभ में केवल 1 लाख रुपए जुर्माना, बाद में एग्रीमेंट रद्द और ब्लैकलिस्ट
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग HOD डॉ. बृजेश लाहोटी पद से हटाया गया
प्रभारी HOD डॉ. मनोज जोशी निलंबित
डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया 2 नर्सिंग ऑफिसर सस्पेंड, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट जोसेफ हटाए गए
अन्य कर्मचारी 6 कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस जारी

मामले की सच्चाई आई सामने 

मामले की सच्चाई तब सामने आई जब डिजिटल सबूत और वीडियो के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि नवजात का पोस्टमॉर्टम तत्काल नहीं कराया गया था। बाद में 6 सितंबर को परिजन के आने पर पोस्टमॉर्टम कराना पड़ा। परिजन ने शव का पैकिंग खोलकर देखा, तो नवजात के एक हाथ की चार उंगलियां चूहों ने पूरी तरह खा ली थीं।

हाईकोर्ट का रुख और चेतावनी

न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति जे.के. पिल्लई की युगल पीठ ने नवजातों की मौत को मौलिक अधिकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला माना। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।

शासन द्वारा जारी गाइडलाइन और SOP का पालन हर हाल में होना चाहिए।

यदि जरूरत पड़े तो कोर्ट अलग अथॉरिटी गठित करने का आदेश दे सकती है।

NICU/PICU सुरक्षा और अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल को सख्ती से लागू किया जाएगा।

आर्थिक सहायता

प्रशासन ने मृत नवजातों के परिवारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की:

परिवार राशि और स्रोत
धार के नवजात परिवार 5 लाख रुपए
देवास की नवजात बच्ची (रेहाना की बेटी) 5 लाख रुपए (2 लाख रुपए रेडक्रॉस सोसाइटी से, 3 लाख रुपए अस्पताल प्रशासन से)

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