Indore Rishwat Case: इंदौर में सस्पेंडेड बाबू 50 हजार रुपये रिश्वत लेते अरेस्ट, नामांतरण के लिए मांगे थे पैसे
हाइलाइट्स
-
नायब तहसीलदार का सस्पेंडेड बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार
-
नामांतरण के नाम पर मांगे थे 50 हजार रुपये
-
लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा
Indore Rishwat Case: इंदौर में नायब तहसीलदार के सस्पेंडेड बाबू को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बाबू नरेंद्र नरवरिया ने नामांतरण के नाम पर पैसे मांगे थे। बाबू ने फरियादी को रिश्वत की राशि लेकर बुलाया और पैसे टेबल की ड्रॉर में रखवा लिए। लोकायुक्त की टीम ने बाबू को पकड़ लिया।
एडवोकेट कृष्ण कुमार डांगी ने की थी शिकायत
इंदौर लोकायुक्त SP राजेश सहाय ने बताया कि एडवोकेट कृष्ण कुमार डांगी ने मामले की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनकी विधवा बुआ भगवंती बाई जो खराडीया गांव में रहती हैं। उनकी जमीन के नामांतरण के लिए बाबू नरेंद्र नरवरिया ने नायब तहसीलदार खुड़ैल दयाराम निगम के साथ मिलकर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है। लोकायुक्त ने शिकायत की जांच की तो उसे सही पाया गया।
जैसे ही रिश्वत ली और पकड़ा गया बाबू
लोकायुक्त ने ट्रैप दल ने निलंबित सहायक ग्रेड-3 नरेंद्र नरवरिया को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। ट्रैप के प्लान के मुताबिक आवेदक 50 हजार रुपये की रिश्वत लेकर तहसील कार्यालय गए। बाबू नरवरिया ने जैसे ही रिश्वत की राशि अपनी टेबल की दराज में रखवाई। ट्रैप टीम ने आरोपी को दबोच लिया।

मौके पर मौजूद नहीं थे तहसीलदार
आरोपी बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 और 13(1) के तहत कार्रवाई की गई है। इस दौरान नायब तहसीलदार मौके पर मौजूद नहीं थे।
ये खबर भी पढ़ें: Gwalior Robbery Update: मणप्पुरम फाइनेंस के मैनेजर ने ही किया 4 करोड़ का सोना चोरी, नकली गोल्ड से बदला, पिता भी शामिल
लोकायुक्त की ट्रैप टीम
लोकायुक्त की ट्रैप टीम में DCP सुनील तालाना, इंस्पेक्टर आशुतोष मिठास, सब-इंस्पेक्टर रहीम खान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक आदित्य भदौरिया, राकेश मिश्रा, आशीष नायडू, आशीष आर्य और शैलेंद्र बघेल शामिल थे।
मप्र में पुलिसकर्मियों के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य, नहीं लगाने पर ड्राइविंग लाइसेंस होगा कैंसिल

MP Police Helmet Rule: अक्सर आम लोगों को बिना हेलमेट (Helmet) दोपहिया वाहन चलाने पर चालान (Challan) का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh – MP) पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि यह नियम खुद पुलिसकर्मियों पर भी लागू होगा। मुख्यमंत्री और पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के बाद यह फैसला लिया गया है कि कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हो या ऑफ ड्यूटी, यदि बिना हेलमेट बाइक या स्कूटर चलाता है, तो उसे भी वैसी ही कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा जैसी आम नागरिकों को करनी पड़ती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…